Hindi, asked by hemaseshu972, 10 months ago

वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए।

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Answered by nikitasingh79
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वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन का संग्रह छात्र अपने अध्यापक की सहायता से तैयार कीजिए।

 

उदाहरण के तौर पर कुछ ऋतुओं के बारे में जानकारी दी गई है छात्र  इस जानकारी से मदद ले सकते हैं।

 

कुछ अतिरिक्त जानकारी:  

बसंत ऋतु में वृक्षों के झुड़ों में भंवरे गुंजार करने लगते हैं। आम का बौर अपने सुगंध से सारे वातावरण को मादक बना देता है। पक्षियों का समूह आनंद में ध्वनि उत्पन्न करने लगता है। वनस्पतियां रसरंग से परिपूर्ण हो जाती हैं। युवा वर्ग आनंद में झूमने लगता है तथा सब जगह उमंग और उत्साह दिखाई देता है।

सावन ऋतु में आकाश घने काले बालों से भर जाता है। सब दिशाओं में भंवरे मस्ती से भर गुंजार करने लगते हैं। भौरों के बोलने की आवाज सभी दिशाओं में गूंजने लगती है। भंवरों की गुंजार राग मल्हार की तरह मधुर लगती है। झूलों प्रेम जन झूलने लगते हैं। माननीयों को का मान भंग हो जाता है। सब तरफ प्रेम ही प्रेम बरसने लगता है।।

 

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न‌:  

 कविता की निम्नलिखित पंक्तियां पढ़ कर बताएं कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है?

फूटे हैं आमों में बौर

भौंरी वन वन टूटे हैं।

होली मची ठौर ठौर

सभी बंधन छूटे हैं।

https://brainly.in/question/4604834

स्वप्न भरे कोमल कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कभी कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर का हरा-भरा करना चाहता है। फूलों पौधों के लिए आप क्या क्या करना चाहेंगे?

https://brainly.in/question/4605104

Answered by Anonymous
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Explanation:

महके हर कली कली भंवरा मंडराए रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे नैनो में सपने सजे मन मुस्काए झरने की कल कल गीत कोई गाये खेतों में सरसों पीली धरती को सजाये रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे.......... ठण्ड की मार से सूखी हुई धरा को प्रकृति माँ हरियाला आँचल उड़ाए खिली है डाली डाली खिली हर कोंपल प्रेम का राग कोई वसुंधरा सुनाये रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे....... मन में उमंगें जगी होली के रंगों संग प्यार के रंग में जिया रँगा जाए उपवन में बैठी पिया तुझे ही निहारूं मैं वसंती पवन मेरा ह्रदय जलाये रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे................

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