वस्त्र की उपयुक्तता से क्या तात्पर्य है?
Answers
Answer:
. hii
your answer is here !
Explanation:
वस्त्र की उपयुक्तता (Adequacy of cloth):
किसी भी वस्त्र की उपयुक्तता कई कारकों पर निर्भर करती है। वस्त्र की उपयुक्तता के प्रमुख तत्वों का विवेचन हम निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर कर सकते हैं –
1. व्यक्तित्व (Personality):
वस्त्रों की उपयुक्तता में व्यक्ति के व्यक्तित्व का महत्त्वपूर्ण स्थान है। सभी व्यक्ति कद, काठी तथा भार में समान नहीं होते। वस्त्र व्यक्ति के व्यक्तित्व के अनुरूप होने चाहिए। जो वस्त्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को उभारें तथा आकर्षण प्रदान करें, वे ही उपयुक्त वस्त्र हैं; जैसे-ठिगने तथा मोटे व्यक्ति पर लम्बवत् रेखा आकृति वाले वस्त्र अच्छे लगते हैं, वहीं लम्बे तथा पतले व्यक्तियों पर समतल रेखा के डिजाइन अच्छे लगते हैं। बच्चों के लिए सूती तथा हल्के वस्त्र उपयुक्त रहते हैं।
2. जलवायु (Climate):
वस्त्रों की उपयुक्तता के निर्धारण में जलवायु भी एक महत्त्वपूर्ण कारक है। वस्त्रों का चयन करते समय हमें जलवायु को भी ध्यान में रखना चाहिए। उदाहरणार्थ-गर्म जलवायु वाले स्थान पर हल्के तथा सूती वस्त्र उपयुक्त रहते हैं, जबकि ठण्डे प्रदेशों में गर्म एवं ऊनी वस्त्रों का अधिक प्रयोग होता है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में ऐसे सिंथेटिक वस्त्र अधिक उपयुक्त रहते हैं जो शीघ्र सूख जाते हैं।
3. अवसर (Occasion):
वस्त्रों की उपयुक्तता का निर्धारण अवसर के अनुरूप भी किया जाता है। यदि वस्त्र हमारे अवसर के अनुसार नहीं होंगे तो वह हमें गरिमा प्रदान करने के स्थान पर हँसी का पात्र बना देंगे। जैसे-शोकाकुल अवसर पर श्वेत तथा हल्के वस्त्र पहने जाते हैं। शादी-विवाह के अवसर पर चटकीले रंग, जैसे लाल व गुलाबी को प्राथमिकता दी जाती है। जन्मदिन उत्सव में बच्चों के लिए खिलते हुए रंगों के वस्त्र उपयुक्त रहते हैं।
4. लिंग (Sex):
वस्त्रों की उपयुक्तता में लिंग एक महत्त्वपूर्ण आधार है। जैसे-लड़कियों तथा महिलाओं द्वारा धारण किए जाने वाले सलवार-कमीज, साड़ी इत्यादि पुरुषों के वस्त्रों से भिन्न होते हैं।
5. टिकाऊपन (Durability):
वस्त्र की उपयुक्तता उसके टिकाऊपन पर आधारित होती है। वस्त्र वही अधिक उपयुक्त होता है जो मजबूत हो तथा अधिक दिन तक चले।
6. ताप संवाहकता (Resist-ability of heat):
वस्त्रों की उपयुक्तता में ताप की संवहन क्षमता भी महत्त्वपूर्ण है। मौसम के अनुसार ऐसे वस्त्र उपयुक्त होते हैं जो मौसमानुकूल ताप के संवाहक हों; जैसे—गर्मी में ठण्डे वस्त्र तथा सर्दियों में गर्म वस्त्र उपयुक्त होते हैं।
7. आयु (Age):
प्रत्येक आयु के व्यक्ति के लिए एकसमान वस्त्र उपयुक्त नहीं होते हैं। अतः आयु के अनुसार वस्त्र भी भिन्न होते हैं; जैसे-छोटे बच्चों पर हल्के तथा सूती वस्त्र अच्छे लगते हैं, वृद्धों पर सादे डिजाइन के वस्त्र उचित लगते हैं, जबकि किशोरों के वस्त्र गहरे एवं चटक रंग वाले होते हैं।
8. व्यवसाय (Occupation):
व्यक्ति के व्यवसाय का उसके वस्त्रों पर गहन प्रभाव होता है; किसी व्यक्ति के वस्त्रों को देखकर उसके व्यवसाय का ज्ञान हो जाता है; जैसे-साड़ी बाँधने के तरीके से ही पता चल जाता है कि अमुक महिला शिक्षिका है, गृहिणी है अथवा मजदूर है।
9. फैशन (Fashion):
आज का युग-परिवर्तन का युग है तथा आज के इस परिवर्तन का प्रभाव फैशन पर भी पड़ा है। किशोर-किशोरियाँ फैशन से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं तथा फैशनानुकूल वस्त्रों का चयन करते हैं।
10. आय (Income):
आय भी व्यक्ति के वस्त्रों की उपयुक्तता निर्धारण का महत्त्वपूर्ण कारक है। व्यक्ति को वस्त्र का क्रय करने से पूर्व यह देखना पड़ता है कि यह वस्त्र उसकी क्रय क्षमता के अनुकूल है अथवा नहीं।
11. अवशोषण (सोखने )की क्षमता (Absorbing capacity):
भारत की जलवायु गर्म है तथा यहाँ वही वस्त्र उपयुक्त है, जिसकी अवशोषण क्षमता अधिक हो। ऐसे में सूती वस्त्र अधिक उपयुक्त हैं। .
12. धोने की सुविधा (Easy to wash):
वस्त्रों की प्रतिदिन ड्राई क्लीनिंग कराना किसी के लिए संभव नहीं होता। अत: वस्त्र ऐसे होने चाहिए जिन्हें आसानीपूर्वक घर में ही धोया जा सके।
follow me !