Hindi, asked by NajarDube, 1 year ago

वसंत
ऋतु में आने
वाले त्योहारों
के विषय में
जानकारी एकत्र
कीजिए और किसी
एक त्योहार पर
निबंध लिखिए।

Answers

Answered by sheetal2015
851

भारत त्योहारों का देश है , बसंत पंचमी महाशिवरात्रि बैशाखी आदि बसंत ऋतू में आने वाले त्यौहार हैं। इन्ही मे  से एक है बसंत पंचमी|यह त्योहार हमारे देश मे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है|बंसत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती जी का जन्म  हुआ था इसलिए इस दिन सरस्वती जी की पुजा अर्चना की जाती है |पुरातन युग मे ,इस दिन  राजा समानतो  के साथ हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवआलय पहुँचते थे | वहा विधि पूर्वक कामदेव की पुजा की जाती थी और देवताओ पर अन्न की बलिया चड़ाई जाती थी | 

बसंत पंचमी पर हमारी फसल गेहु जौ चना आदि तैयार हो जाती हैं इसलिए इसकी खुशी मे  सभी भारतीय बसंत पंचमी का त्योहार मानते है |संध्या के समय बसंत का मेला लगता हैं जिसमे लोग परस्पर एक दूसरे के गले से लगकर आपस मे मेल जोल तथा आनंद का प्रदर्शन करते हैं |कही कही  पर विशेष रूप से गुजरात मे पतंगे उड़ाने का माहौल रहता है |इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते है और पीले फूलो से माँ सरस्वती की पुजा अर्चना करते है|लोग इस पर्व पर पीले रंग का भोजन करते है अर्थात मिठाइया खाते है |

ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्व है |इसकी छटा निहारकर जड़ चेतन सभी मे नव जीवन का संचार होता हैं |सभी मे अपूर्व ऊर्जा और आनंद की लहर आती है |स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ऋतु बड़ी ही उपयुक्त हैं |इस ऋतु मे प्रात:काल    घूमने से मन मे प्रसन्नता और देह मे स्फूर्ति  आती हैं |स्वस्थ और स्फूर्ति दायक मन मे अच्छे विचार आते हैं |

बसंत ऋतु ऋतुयों का राजा कहलाया जाता हैं |इसमे प्रक्रति का सौन्दर्य सभी ऋतुयों से अधिक होता हैं|वन उपवन भांति भांति  के पुष्पो से जगमगा उठते हैं |गुलमोहर ,चम्पा, सूरजमुखी और गुलाब के पुष्पो के सौन्दर्य से आकर्षित  रंग बिरंगी तितलियों और मधु मक्खियों मे  मधुर रसपान की होढ़ सी लगी रहती हैं |इनकी सुंदरता देख कर मनुष्य भी झूम उठता हैं|

यह दिन विद्यार्थियो  के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण दिन होता  हैं |इस दिन सभी विद्यालयों मैं माँ सरस्वती की अर्चना की जाती हैं और उनके आशीर्वाद से ज्ञान से आगे बदने की प्रेरणा ली जाती हैं |इस तरह बसंत पंचमी का त्योहार हर्ष उल्लास के साथ पूर्ण  होता हैं |
Answered by nehakumari4210
126

Answer:

वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू का त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर china, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैंl

प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का फूल मानो सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर मांजर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। भर भर भंवरे भंवराने लगते। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती हैं। यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता हैl

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