वसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय क्यों हो जाता था???
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उत्तर:- नीलकंठ को फलों के वृक्षों से भी अधिक पुष्पित व पल्लवित (सुगन्धित व खिले पत्तों वाले) वृक्ष भाते थे। इसीलिये जब वसंत में आम के वृक्ष मंजरियों से लदे जाते और अशोक लाल पत्तों से ढक जाता तो नीलकंठ के लिए जालीघर में रहना असहनीय हो जाता तो उसे छोड़ देना पडता
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मोर को वसंत ऋतु अच्छी लगती है। नीलकंठ को फलों की अपेक्षा फूलों के पेड़ अधिक अच्छे लगते थे। वसंत ऋतु में आम के पेड़ सुनहरी मंजरियों से भर जाते थे, अशोक के वृक्ष नए लाल पल्लवों से ढक जाते थे। उस समय नीलकंठ के लिए जाली घर में रहना असहनीय हो जाता था। इसलिए उसे उन दिनों जाली घर से बाहर छोड़ना पड़ता था
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