वसंत ऋतु पर paragraph in hindi
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वसंत ऋतु पर paragraph
भारत में वसंत ऋतु सर्दियों के मौसम के बाद मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह मौसम गर्मियों के रुप मे खत्म होता है। भारत में वसंत मार्च के महीने में शुरु होता है और मई के महीने में खत्म होता है। भारत के कुछ भागों में, लोग इस मौसम का आनंद गर्म वातावरण के कारण पूरी तरह से नहीं ले पाते हैं। पूरी वसंत ऋतु के मौसम के दौरान तापमान सामान्य रहता है, न तो सर्दी की तरह बहुत अधिक ठंडा होता है और न ही गर्मी की तरह बहुत गर्म हालांकि, अन्त में यह धीरे-धीरे गर्म होना शुरु कर देता है। रात को मौसम और भी अधिक सुहावना और आरामदायक हो जाता है।
वसंत ऋतु बहुत प्रभावशाली होती है: जब यह आती है, तो प्रकृति में सबकुछ जाग्रत कर देती हैं; जैसे- यह पेड़, पौधे, घास, फूल, फसलें, पशु, मनुष्य और अन्य जीवित वस्तुओं को सर्दी के मौसम की लम्बी नींद से जगाती है। मनुष्य नए और हल्के कपड़े पहनते हैं, पेड़ों पर नई पत्तियाँ और शाखाएं आती है और फूल तरोताजा और रंगीन हो जाते हैं। सभी जगह मैदान घासों से भर जाते हैं और इस प्रकार पूरी प्रकृति हरी-भरी और ताजी लगती है।
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वसंत ऋतु पर paragraph
भारत में वसंत ऋतु सर्दियों के मौसम के बाद मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह मौसम गर्मियों के रुप मे खत्म होता है। भारत में वसंत मार्च के महीने में शुरु होता है और मई के महीने में खत्म होता है। भारत के कुछ भागों में, लोग इस मौसम का आनंद गर्म वातावरण के कारण पूरी तरह से नहीं ले पाते हैं। पूरी वसंत ऋतु के मौसम के दौरान तापमान सामान्य रहता है, न तो सर्दी की तरह बहुत अधिक ठंडा होता है और न ही गर्मी की तरह बहुत गर्म हालांकि, अन्त में यह धीरे-धीरे गर्म होना शुरु कर देता है। रात को मौसम और भी अधिक सुहावना और आरामदायक हो जाता है।
वसंत ऋतु बहुत प्रभावशाली होती है: जब यह आती है, तो प्रकृति में सबकुछ जाग्रत कर देती हैं; जैसे- यह पेड़, पौधे, घास, फूल, फसलें, पशु, मनुष्य और अन्य जीवित वस्तुओं को सर्दी के मौसम की लम्बी नींद से जगाती है। मनुष्य नए और हल्के कपड़े पहनते हैं, पेड़ों पर नई पत्तियाँ और शाखाएं आती है और फूल तरोताजा और रंगीन हो जाते हैं। सभी जगह मैदान घासों से भर जाते हैं और इस प्रकार पूरी प्रकृति हरी-भरी और ताजी लगती है।
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GauravSaxena01:
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भारत वर्ष में मुख्या रूप से 6 प्रकार की ऋतुएँ होती है।
वसंत ऋतु को ऋतुराज या ऋतुओं का राजा माना जाता है।
बसंत ऋतू का मौसम सर्दी के मौसम के बाद आता है।
वसंत ऋतू 15 फरवरी से 15 अप्रैल के बीच होता है।
हिन्दू महीनों के अनुसार फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए है।
इस दौरान चारों और प्रकृति का सौंदर्य देखते ही बनता है।
इस दौरान पेड़-पौधों में नए पत्ते आते हैं। पेड़ से लदे होते हैं।
पेड़ पौधों में नए फूल आते हैं जिन पर भँवरे मंडराते रहते हैं।
वसंत ऋतू को त्यौहारों का महीना भी माना जाता है।
इस दौरान जहां एक ओर होली और बिहू आदि त्यौहार मनाये जाते हैं।
इस दौरान ना तो ज्यादा सर्दी होती है और ना ही ज्यादा गर्मी।
इस दौरान संपूर्ण धरती हरियाली की चादर ओढ़े रहती है।
वसंत ऋतु को ऋतुराज या ऋतुओं का राजा माना जाता है।
बसंत ऋतू का मौसम सर्दी के मौसम के बाद आता है।
वसंत ऋतू 15 फरवरी से 15 अप्रैल के बीच होता है।
हिन्दू महीनों के अनुसार फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए है।
इस दौरान चारों और प्रकृति का सौंदर्य देखते ही बनता है।
इस दौरान पेड़-पौधों में नए पत्ते आते हैं। पेड़ से लदे होते हैं।
पेड़ पौधों में नए फूल आते हैं जिन पर भँवरे मंडराते रहते हैं।
वसंत ऋतू को त्यौहारों का महीना भी माना जाता है।
इस दौरान जहां एक ओर होली और बिहू आदि त्यौहार मनाये जाते हैं।
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इस दौरान संपूर्ण धरती हरियाली की चादर ओढ़े रहती है।
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