वस्तु विनिमय प्रणाली के लिए दो वांछित परिस्थितियाँ बताइए।
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Explanation:
जब किसी एक वस्तु या सेवा के बदले दूसरी वस्तु या सेवा का लेन-देन होता है तो इसे वस्तु विनिमय (Bartering) कहते हैं। जैसे एक गाय लेकर १० बकरियाँ देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा (रूपये-पैसे) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
मुद्रा के प्रादुर्भाव के पहले सारा लेन-देन (विनिमय) वस्तु-विनिमय के रूप में ही होता था। आजकल भी मौद्रिक संकट की स्थितियों में (जब मुद्रा का मान बहुत परिवर्तनशील हो; महंगाई के कारण मुद्रा का बहुत ही अवमूल्यन हो गया हो) वस्तु-विनिमय का सहारा लिया जाता है। कुछ अन्तरजालीय स्थलों जैसे क्रैग्स्लिस्ट (Craigslist) आदि पर भी वस्तु-विनिमय ही चलता है।
Answer:
वस्तु विनिमय:-
जब किसी एक वस्तु या सेवा के बदले दूसरी वस्तु या सेवा का लेन-देन होता है तो इसे वस्तु विनिमय (Bartering) कहते हैं।
मुद्रा के बिना प्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं का सेवाओं के लिए लेन-देन को वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाती है।
वस्तु विनिमय प्रणाली के लिए वांछित परिस्थितियाँ :-
इच्छाओं का दोहरा संयोग:
जब विनिमय के माध्यम की कमी होती है, तो लोगों द्वारा चाहने वालों के दोहरे संयोग की परिस्थितियाँ उत्पन्न होती है।
खाते की एक मानक इकाई का अभाव:
वस्तु विनिमय प्रणाली न केवल विनिमय का एक सामान्य माध्यम है, बल्कि एक मानक इकाई भी है, जिसके संदर्भ में कीमतों को मापा जा सकता है।