वस्तु विनिमय प्रणाली में मुख्य कठिनाई क्या थी? मुद्रा ने इस कठिनाई को कैसे दूर किया है?
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विनिमय का अर्थ है किसी वस्तु के बदले किसी दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान करना। ... विनिमय को दो वर्गों में विभाजित किया गया हैं। क्रय विनिमय- जब हम कोई वस्तु खरीदते हैं तो उसके बदले में जो भी मूल्य देते हैं, क्रय विनिमय ... जब हम किसी वस्तु के बदले मुद्रा प्राप्त करते हैं या देते हैं, मुद्रा विनिमय कहलाता है।
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वस्तु विनिमय प्रणाली के मुख्य कठिनाइयां निम्नलिखित थी :-
- यह आवश्यक नहीं कि विनिमय करने वाले दोनों व्यक्तियों की उस वस्तु के लिए आवश्यकता मेल खा जाए |
- वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों के पास वस्तु का संचय करने की सामर्थ्य नहीं थी |इस कारण आवश्यकता पड़ने पर उस वस्तु का अभाव हो जाता था |
- विनिमय की गई वस्तु की कीमत सही हो आवश्यक नहीं है
मुद्रा ने इस कठिनाइयों को निम्नलिखित रुप से दूर किया :-
- लोग अपनी वस्तुओं को मुद्रा के बदले बेचते हैं तो उससे प्राप्त राशि को अन्य वस्तुओं के सेवाओं के खरीदने में प्रयोग कर सकते हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता हो |
- मुद्रा में व्यक्त कीमतों के आधार पर दो वस्तुओं के सापेक्ष मूल्यों की तुलना करना सरल हो जाता है इस प्रकार मुद्रा विनिमय में सामान्य मापक के अभाव की समस्या हल कर देती है |
- धन को मुद्रा के रूप में आसानी से संचित किया जा सकता है, मुद्रा को मूल्य की हानि किए बिना संचित किया जा सकता,है, बचत सुरक्षित होती है तथा उन्हें आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है |
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