वसंतऋतु सुहावनी होती है । इस कथन की पुष्टि कवित्व के आधार पर कीजिए।
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भारतवर्ष में क्रमश: आने वाली छह ऋतुओं से पाँच के अपने गुण तो हैं पर उनकी हानियाँ तथा नकारात्मक प्रभाव भी हैंवसंत ऋतु में न वर्षा ऋतु जैसा कीचड़ होता है न ग्रीष्म ऋतु जैसी तपन, उमस और पसीने की बदबू इसी प्रकार ने शिशिर ऋतु की ठंडक, न हेमंत ऋतु की हाड़ कॅपाती सर्दी और चारों ओर पाले की मार, वृक्षों की पत्तियाँ तक गिर जाती हैवसंत ऋतु में सर्दी-गर्मी समान होने से मौसम अत्यंत सुहावना होता हैपेड़ों पर लाल-लाल पत्ते, कोपलें तथा हरे-भरे पत्तों के बीच रंग-बिरंगे फूलों के गुच्छे तो पेड़ों के गले में हार के समान दिखाई देते हैंमदमाती कोयल का गान, तन-मन को महकाती हवा तथा पूरे यौवन का जोश लिए प्रकृति की छटा देखते ही बनती हैयह ऋतु मनुष्य, पशुपक्षी तथा अन्य जीवों को प्रसन्न कर देती है, इसलिए इस ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है
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