vasant ko rituraaj kyon kaha jaata hai?
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vasant ko rituraj isliye Kaha jata hai kyunki is mausam mein Sabhi ped Apne pati girate h aur barish Ki vajah se fasal bhi bahut acchi Ho jaati hai isliye vasant ko rituraj bhi Kaha jata hai
Answer:
वसंत ऋतु
मौसम प्रकृति के बदलाव का अहसास दिलाता है। हर बदलती हुई ऋतु अपने साथ एक संदेश लेकर आती है। भारत की प्रकृति के अनुसार हमारे यहां छ: ऋतुएं प्रमुख रूप से मानी गई है। हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा व शरद ऋतु। इनमें वसंत को सबका राजा कहा गया है।
वसंत को ऋतुओं को राजा कहने के पीछे कई कारण हैं जैसे- फसल तैयार रहने से उल्लास और खुशी के त्यौहार, मंगल कार्य, विवाह , सुहाना मौसम, आम की मोहनी खुशबू, कोयल की कूक, शीतल मन्द सुरभित हवा, खिलते फूल, मतवाला माहौल, सुहानी शाम, फागुन के मदमस्त करने वाले गीत सब मिलकर अनुकूल समां बाधते है। यही कारण है कि वसंत को ऋतुराज की संज्ञा दी गई है। वसंत की उत्पत्ति के संबंध में धर्मग्रंथों में एक कथा भी है जो इस प्रकार है-
अंधकासुर नाम के राक्षस का वध सिर्फ भगवान शंकर के पुत्र से ही संभव था। तो शिवपुत्र कैसे पैदा हो? इसके लिए शिवजी को कौन तैयार करे? तब कामदेव के कहने पर ब्रह्माजी की योजना के अनुसार वसंत को उत्पन्न किया गया था। कालिका पुराण में वसंत का व्यक्तीकरण करते हुए इसे सुदर्शन, अति आकर्षक, सन्तुलित शरीर वाला, आकर्षक नैन-नक्श वाला, अनेक फूलों से सजा, आम की मंजरियों को हाथ में पकड़े रहने वाला, मतवाले हाथी जैसी चाल वाला आदि सारे ऐसे गुणों से भरपूर बताया है।