Vasanth ritu me anne valle thyahar ke bare me
Answers
वसंत ऋतु, भारत की 6 ऋतुओं में से एक है। यह ऋतु अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार फरवरी मार्च और अप्रैल में आता है और हिंदू कैलंडर के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है और मौसम बड़ा ही सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते उगने लगते हैं। आम के पेड़ों में बौरों आ जाती है और खेत सरसों के फूलों से पीले दिखाई देते हैं अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसलिए इस ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है।
वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, शिवरात्रि तथा होली नामक त्योहार मनाए जाते हैं। वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवें दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें भगवान विष्णु तथा कामदेव की पूजा की जाती है। यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। शिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। माना जाता है कि प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए इसे कालरात्रि या महाशिवरात्रि कहा गया। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों ने से महाशिवरात्रि की सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा वाले दिन मनाया जाता है। रंगों का यह त्योहार पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन शाम को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन के नाम से भी जाना जाता है। दूसरे दिन, जिसे धूलिवंदन, रंगपंचमी कहा जाता है, लोग एक दूसरे पर रंग, गुलाल इत्यादि फेंकते हैं। इस दिन लोग ढोल बजा कर होली के गीत गाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता और दुश्मनी को भूल कर एक दूसरे के गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं।