Vasiyat Kahani ka aadhar pr apni bhabhi k prati harish k vichar
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एक लंबी बीमारी के बाद जब उनका देहांत होता है तो वे अपने बच्चों और पत्नी आदि के नाम जैसी वसीयत करके जाते हैं, यह कहानी उसी विषय पर आधारित है। इस कहानी में हरीश नाम का कोई पत्र नहीं है। आचार्य चूड़ामणि मिश्र के दो बेटे लालमणि और नीलमणि हैं। ... वे अपनी बेटियों तथा पत्नी को भी संपत्ति का थोड़ा-थोड़ा हिस्सा देकर जाते हैं।
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