Hindi, asked by gayathri543, 1 year ago

vastavik lokgeet kaise hote he

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Answered by Sauron
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लोकगीत लोक के गीत हैं। ... एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा सकता है। .
भारत के विभिन्न क्षेत्रोँ की भौगोलिक स्थिति और भाषा में जितना अन्तर है, उतना ही अन्तर इनके लोकगीतों के रागों तथा शैलियों में भी है। गीत (अर्थात लोकगीत) इतने मधुर भी हो सकते हैं कि लोरी से लगें तथा इतने उत्तेजक भी कि व्यक्ति मरने-मारने पर आमादा हो जाए (जैसे कि भाटों व चारणों के गीत)।  गीत दो-चार पंक्ति का भी हो सकता है तथा इतना लम्बा भी कि इसे गाने में कई दिन लग जाएँ। गीत का उद्देश्य लोकरंजन भी हो सकता है तथा ज्ञानवर्धन भी। गीत भावात्मक भी हो सकते हैं तथा आवृत्तिपरक भी। गीत केवल स्त्रियॉं के गाने के लिए भी हो सकते हैं तथा केवल पुरुषों अथवा बालकों के लिए भी। गीत मनुष्य के धार्मिक एवं सामाजिक अनुष्ठानों से भी जुड़े हो सकते हैं (जैसे संस्कार गीत) तथा दैनिक कार्यकलापों से भी (जैसे धोबी-गीत, नाविकों के गीत, पंडों के गीत, फेरी वालों के गीत, पनिहारिनों के गीत, चक्की के गीत इत्यादि।) 
वास्तविक रूप में लोकगीत गाँवों में देहातों
में गाये जाते है।ये सभी लोकगीत वहाँ के भाषा,
जीवन शैली,प्रथा पर निर्भर रहते हैं।ताजगी उनकी
विशेषता है।

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Answered by jameela
13
लोकगीत लोक के गीत हैं। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता है। सामान्यतः लोक में प्रचलित, लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा सकता है। लोकगीतों का रचनाकार अपने व्यक्तित्व को लोक समर्पित कर देता है। शास्त्रीय नियमों की विशेष परवाह न करके सामान्य लोकव्यवहार के उपयोग में लाने के लिए मानव अपने आनन्द की तरंग में जो छन्दोबद्ध वाणी सहज उद्भूत करता हॅ, वही लोकगीत है।[1]
इस प्रकार लोकगीत शब्द का अर्थ हॅ-
१- लोक में प्रचलित गीत
२- लोक-रचित गीत
३- लोक-विषयक गीत
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