Hindi, asked by bohirmelwin, 1 month ago

vayam ya che mahatava 10 sentences in hindi​

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Answered by vanshsaini2233
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Answer:

वयायाम का अर्थ है – शरीर को इस तरह तानना सिकोड़ना कि वह सही स्थिति में कार्य कर सके । जिस प्रकार अच्छे भोजन से शरीर को पोषण मिलता है, उसी प्रकार से व्यायाम से शरीर लंबे समय तक उचित दशा में बना रहता है । व्यायाम से शरीर को सुगठित, तंदुरुस्त और फुर्तीला बनाया जा सकता है ।

आजकल अधिकतर काम मशीनों की सहायता से होते हैं । मशीनें आदमी को एक ही दशा में कार्य करते रहने के लिए विवश कर देती हैं । लोग बद कक्षों में बैठे या खड़े रहते हैं । यह अस्वास्थ्यप्रद स्थिति मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियों को जन्म देती है । परंतु प्रतिदिन व्यायाम किया जाए तो इस स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है । हर दिन एक घंटे के व्यायाम से आदमी भिन्न-भिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों से दूर रह सकता है । इतना ही नहीं, वह मानसिक चिंता से मुक्त होकर, शारीरिक शक्ति एवं स्कूर्ति से युक्त होकर अपने दैनिक कार्यों को भली-भांति संचालित कर सकता है ।

व्यायाम से मानसिक तनाव और थकान मिटती है । शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है तथा पूरे शरीर में ताजगी आती है । व्यायाम यदि खुले स्थान में या किसी पार्क में किया जाए तो फेफड़ों को शुद्ध वायु पर्याप्त मात्रा में मिलती है । पेशियों और अस्थियों को ताकत मिलती है । शरीर का दर्द और ऐंठन मिट जाती है । ज्ञानेन्द्रियों में सजगता आती है । संपूर्ण शरीर प्राकृतिक दशा में कार्य करने लगता है । शारीरिक दुर्बलता और सुस्ती समाप्त हो जाती है । इस तरह व्यायाम के प्रभाव से शरीर में नवजीवन का संचार होता है । बूढ़े और बीमार लोग भी अपने भीतर स्कूर्ति का अनुभव करने लगते हैं ।

Answered by Anonymous
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Explanation:

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति हर समय किसी न किसी रोग से घिरा ही हुआ है। उन रोगों से बचने के लिए हर कोई व्यक्ति डॉक्टर या चिकित्सक के पास जाता है। परंतु उनमें से सभी डॉक्टर और चिकित्सक उस रोग या बीमारी को तो ठीक कर देते हैं परंतु स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं करता। अपने स्वास्थ्य को अच्छे से रखना का एक ही रास्ता है और वह है व्यायाम।

जो लोग व्यायाम और योग करते हैं वह लोग कभी भी आसानी से बीमार नहीं पड़ते हैं। रोग मात्र दुर्बल शरीर पर आक्रमण करता है और व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा तंदुरुस्त और शक्तिशाली रहता है। इसीलिए बीमारी या रोग से बचने का एकमात्र समाधान है व्यायाम।

प्रतिदिन व्यायाम करने से मनुष्य का मन उत्साहित रहता है और शरीर को शक्ति तथा स्फूर्ति मिलती है। अगर हम व्यायाम की तुलना डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाइयों, विटामिन सिरप और इंजेक्शन के साथ करें तो सब व्यर्थ है।

एक बड़े चिकित्सक का कथन है कि जो डॉक्टर दवाइयों पर ज्यादा भरोसा किए बिना अपने रोगी का स्वास्थ्य सुधार दे वही सबसे बुद्धिमान और अच्छा डॉक्टर कहलाता है। बड़े-बड़े शोधकर्ताओं का कहना है की आज के युग में मनुष्य रोगों से कम और दवाइयों के कारण ज्यादा मर रहे हैं। इस से साफ पता चलता है की मनुष्य को दवाइयों से नहीं व्यायाम और योग जैसी क्रियाएं करके अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाना होगा।

If we could give every individual the right amount of nourishment and exercise, not too little and not too much, we would have found the safest way to health. – Hippocrates

फादर ऑफ मेडिसिन हिप्पोक्रेट्स का कथन था – अगर प्रत्येक व्यक्ति को पोषण और व्यायाम का सही मात्रा दिया जाए, ना थोड़ा ज्यादा ना थोड़ा कम, तो हम यह देखेंगे की यह सबसे सुरक्षित स्वस्थ रहने का रास्ता है।

इस बात में तो थोड़ा भी संदेह नहीं है कि स्वास्थ्य से अनमोल कोई चीज नहीं है। सही प्रकार से व्यायाम करने वाले व्यक्ति का शरीर हृष्ट पुष्ट रहता है तथा मन और मुख हमेशा प्रफुल्लित बना रहता है। व्यायाम करने से पाचन तंत्र सही प्रकार से काम करता है और भूख भी बढ़ाता है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति का मन हमेशा शांत रहता है और उसके मन में सुविचार भी उत्पन्न होते हैं।

It is health that is real wealth and not pieces of gold and silver. – Mahatma Gandhi

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का कथन था – यह स्वास्थ ही है जो असली धन होता है ना की सोना और चांदी। यह बात तो सत्य ही है की अगर मनुष्य के स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो सोना चांदी का वह क्या करेगा?

इस संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने व्यायाम को जीवन का सर्वप्रथम कर्म माना है। यह व्यायाम की ही शक्ति का प्रभाव है की उन महान लोगों ने मनुष्य के हित और देश के विकास के लिए अपना योगदान दिया।

आप कई पुस्तकों में कई प्रकार के व्यायाम के विषय में पढ़ेंगे। परंतु अगर आप ज्यादा दौड़-भाग वाले व्यायाम नहीं कर पाते तो आपके लिए सबसे बेहतरीन व्यायाम का तरीका है योगासन या योग अभ्यास करना। आप शुरुआत में कुछ आसान योगासन करके प्रतिदिन व्यायाम को शुरू कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो दौड़-भाग वाले व्यायाम भी कर सकते हैं।

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