वयस्क मताधिकार के विपक्ष में तर्क लिखिए.
1. अप्राकृतिक सिद्धांत-कुछ विद्वानों के अनुसार समानता के आधार पर माता दी का प्रदान करना प्राकृतिक नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि क्योंकि सब लोग प्राकृतिक रूप से सामान उत्पन्न नहीं होते। कोई कोई व्यक्ति जन्म सेबुद्धिमान, तो कोई मूर्ख ,कोई शक्तिशाली होता है ,तो कोई दुर्बल। ऐसी दशा में सबको समान समझकर मतदान का अधिकार देना पूर्ण अनुचित है।
2. भ्रष्टाचार को बढ़ावा-वयस्क मताधिकार राजनीति में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है। विकासशीलविकासशील देशों के साधारण नागरिक निर्धन होते हैं। चुनाव के समय देश के धन संपन्न वर्ग अपने हित के लिए धन को प्रलोभन देकर मतों को खरीद लेते हैं। इस प्रकार वयस्क मताधिकार राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।
3. शासन समस्याओं का जटिल होना-आधुनिक युग में शासन संबंधी समस्याएं अत्यधिक जटिल होती है जिन्हें सर्व साधारण जनता नहीं समझ पाती है।
4. जनसाधारण का रूढ़िवादी होना-राजन साधारण रूढ़िवादी तथा परंपरा प्रिय होते हैं वे प्रगतिशाली कानूनों का विरोध करते हैं।
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वयस्क मताधिकार के विपक्ष में तर्क लिखिए. 1. अप्राकृतिक सिद्धांत-कुछ विद्वानों के अनुसार समानता के आधार पर माता दी का प्रदान करना प्राकृतिक नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि क्योंकि सब लोग प्राकृतिक रूप से सामान उत्पन्न नहीं होते। कोई कोई व्यक्ति जन्म सेबुद्धिमान, तो कोई मूर्ख ,कोई शक्तिशाली होता है ,तो कोई दुर्बल। ऐसी दशा में सबको समान समझकर मतदान का अधिकार देना पूर्ण अनुचित है। 2. भ्रष्टाचार को बढ़ावा-वयस्क मताधिकार राजनीति में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है। विकासशीलविकासशील देशों के साधारण नागरिक निर्धन होते हैं। चुनाव के समय देश के धन संपन्न वर्ग अपने हित के लिए धन को प्रलोभन देकर मतों को खरीद लेते हैं। इस प्रकार वयस्क मताधिकार राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है
3.शासन समस्याओं का जटिल होना-आधुनिक युग में शासन संबंधी समस्याएं अत्यधिक जटिल होती है जिन्हें सर्व साधारण जनता नहीं समझ पाती है। 4. जनसाधारण का रूढ़िवादी होना-राजन साधारण रूढ़िवादी तथा परंपरा प्रिय होते हैं वे प्रगतिशाली कानूनों का विरोध करते हैं।
वयस्क मताधिकार के विपक्ष में तर्क लिखिए. 1. अप्राकृतिक सिद्धांत-कुछ विद्वानों के अनुसार समानता के आधार पर माता दी का प्रदान करना प्राकृतिक नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि क्योंकि सब लोग प्राकृतिक रूप से सामान उत्पन्न नहीं होते। कोई कोई व्यक्ति जन्म सेबुद्धिमान, तो कोई मूर्ख ,कोई शक्तिशाली होता है ,तो कोई दुर्बल। ऐसी दशा में सबको समान समझकर मतदान का अधिकार देना पूर्ण अनुचित है। 2. भ्रष्टाचार को बढ़ावा-वयस्क मताधिकार राजनीति में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है। विकासशीलविकासशील देशों के साधारण नागरिक निर्धन होते हैं। चुनाव के समय देश के धन संपन्न वर्ग अपने हित के लिए धन को प्रलोभन देकर मतों को खरीद लेते हैं। इस प्रकार वयस्क मताधिकार राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। 3. शासन समस्याओं का जटिल होना-आधुनिक युग में शासन संबंधी समस्याएं अत्यधिक जटिल होती है जिन्हें सर्व साधारण जनता नहीं समझ पाती है। 4. जनसाधारण का रूढ़िवादी होना-राजन साधारण रूढ़िवादी तथा परंपरा प्रिय होते हैं वे प्रगतिशाली कानूनों का विरोध करते हैं।