veer ras simple example
Answers
Answer:
veer Ras Hindi bhasha mein ek Ras ka prakar hai jab kisi rachnaen vakya aadi se veerta ke bhav ki utpati hoti hai use veer Ras kaha jata hai.
रस का शाब्दिक अर्थ - निचोड़ है।
रस वह है जो काव्य में आनन्द आता है वह ही काव्य का रस है। काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है। रस काव्य की आत्मा है।
रस के प्रकार :-
1. शृंगार रस - रति
2. हास्य रस - हास
3. करूण रस - शोक
4. रौद्र रस - क्रोध
5. वीर रस - उत्साह
6. भयानक रस - भय
7. बीभत्स रस - जुगुस्ता या घृणा
8. अदभुत रस - विशम्या या आश्चर्य
9. शान्त रस - निर्वेद
10. वत्सल रस - वात्सल्य
11. भक्ति रस - अनुराग/देव रति
वीर रस
नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है |
युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैं
" बुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥