Very short essay on importance of doctor in hindi
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सामान्य रोगों में कोई भी डॉक्टर इलाज कर लेता है, पर दुर्घटना होने पर गुर्दे खराब हाने पर, नेत्र ज्योति नष्ट होने पर हमें शल्य चिकित्सक का ही सहारा लेना पड़ता है । डॉक्टर ऑपेरशन के द्वारा ही हमें नव जीवन प्रदान करता है । टी॰ बी॰, पक्षधात, हृदय रोग, कैंसर आदि बीमारियाँ डॉक्टर ही बड़े प्रयत्न से ठीक कर पाता है ।
डॉक्टरों का जीवन सेवा और साधना का होता है । कई बार ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को कई-कई घंटे काम करना पड़ता है । वह आराम से सो भी नहीं पाता । सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को कई-कई घंटे रोगियों को देखना पड़ता है । रोगी की स्थिति गंभीर होने पर उनकी रात में कई-कई बार जाँच करनी पड़ती है । डॉक्टर मनुष्य को जीवन-दान दे कर उस पर उपकार करता है ।
आज का युग पैसे का युग है । आज डॉक्टर भी अधिकाधिक पैसे कमाना चाहता है । अनेकडॉक्टर इतनी ऊँची फीस लेते हैं कि उच्च मध्यमवर्ग के लोग भी उनकी सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते । निर्धन रोगी तो धन के अभाव में तड़प तड़पकर मर जाता है ।
एक अच्छे डॉक्टर के लिए अच्छा वेतन होना आवश्यक है । उस का स्वभाव मृदुल होना चाहिए । डॉक्टर अपने रोगी को दिलासा और विश्वास देता है । अपनी मुस्कान से उसका कष्ट दूर करता है । डॉक्टर का दृष्टिकोण केवल पैसा बनाना ही नहीं होना चाहिए ।
: एक डॉक्टर अपना सम्पूर्ण जीवन रोगियों को समर्पित कर देता है। वह मानवता के दर्द और पीड़ा को अनुभव करता है। वह रोगों से हमारी रक्षा करता है। वह दूसरों के जीवन को बेहतर और स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए संघर्ष करता है। डॉक्टर बीमारियों को फैलने से रोकने का कार्य करता है। वह चिकित्सक ही है जो रोगियों के लिए उपचार ढूंढता है। कभी-कभी यह किसी विशेष रोग के उपचार के लिए वर्षों तक खोज करता है और सफल होता है। पिछले कुछ वर्षों में औषधि और शल्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की हुई है। अब तो क्षतिग्रस्त अंग जैसे ह्रदय, फेफड़े आदि का भी प्रत्यारोपण किया जा सकता है। डॉक्टर का जीवन आसान नहीं है। वह अक्सर खाना खाते समय, आराम के समय भी रोगियों को देखता है। कभी-कभी डॉक्टर युद्ध में घायल हुए व्यक्तियों, दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों के उपचार के लिए पूरे दिन कार्य करता है। वह अपने रोगियों से सदैव सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता है। वह बीमार व्यक्ति को प्रोत्साहित करता है। वह शक्ति और आशा का स्रोत है। किसी बेचैनी या अकुलाहट में भी उसका प्रथम कर्तव्य मरीज का उपचार करना होता है। वह हमेशा अपने मरीज को ठीक करने के बारे में ही सोचता रहता है।