Hindi, asked by laksita82, 5 months ago

VI.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
ऐलिफेटा गुफाएँ जिस टापू पर हैं, उस टापू का असली नाम घारापुरी है । मराठी भाषा में घारापुरी का मतलब
होता है गुफाओं का शहर । इन गुफाओं को ठोस पत्थर काटकर बनाया गया था । कहा जाता है कि इन
गुफाओं को नौवीं शताब्दी से तेरहवीं तक के सिल्हारा वंश के राजाओं ने बनवाया था । गुफाओं की कुछ
मूर्तियों को राष्ट्रकूट वंश ने भी बनवाया था। 1535 में इस टापू पर गुजरात के सुल्तान का राज था, जब
पुर्तगालियों ने इस टापू पर अपना कब्जा जमाया तब उन्होंने इसका नाम घारापुरी से ऐलिफेंटा केव्स
(ऐलिफेटा की गुफाएँ) रख दिया । तब यहां हाथी की एक बहुत बड़ी मूर्ति भी थी । इसीलिए उन्होंने इसे
नाम दिया 'हाथी की गुफाएँ' । पर पुर्तगालियों ने इस मूर्ति का कोई ध्यान नहीं रखा । जिस खंभोंवाले मंडप
में यह मूर्ति लगी हुई थी, पुर्तगालियों ने उसे शूटिंग गैलरी बना दिया और एक दिन वह मूर्ति गिरकर टूट
गई । यह टूटी हुई मूर्ति अब मुंबई के जीजामाता उद्यान में रखी हुई है ।
ऐलिफेटा गुफाओं के टापू का क्या नाम है ?
1
इन गुफ़ाओं को कैसे बनाया गया है ?
2.
इन गुफाओं को ‘ऐलिफेंटा केव्स' क्यों कहा गया है ?
3.
4. पुर्तगालियों का मूर्ति के प्रति क्या रवैया था ?
5. टूटी मूर्ति अब कहाँ की शोभा बढ़ा रही है ?​

Answers

Answered by bhartirathore299
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Answer:

ऐलिफेटा गुफाओं के टापू का क्या नाम है ?

1. ऐलिफेटा गुफाएँ जिस टापू पर हैं, उस टापू का असली नाम घारापुरी है ।

2) इन गुफ़ाओं को कैसे बनाया गया है ?

2इन गुफाओं को ठोस पत्थर काटकर बनाया गया था ।

3) इन गुफाओं को ‘ऐलिफेंटा केव्स' क्यों कहा गया है ?

3. गुफाओं की कुछ

मूर्तियों को राष्ट्रकूट वंश ने भी बनवाया था। 1535 में इस टापू पर गुजरात के सुल्तान का राज था, जब

पुर्तगालियों ने इस टापू पर अपना कब्जा जमाया तब उन्होंने इसका नाम घारापुरी से ऐलिफेंटा केव्स

(ऐलिफेटा की गुफाएँ) रख दिया ।

4) पुर्तगालियों का मूर्ति के प्रति क्या रवैया था ?

4. पुर्तगालियों ने इस मूर्ति का कोई ध्यान नहीं रखा । जिस खंभोंवाले मंडप

में यह मूर्ति लगी हुई थी, पुर्तगालियों ने उसे शूटिंग गैलरी बना दिया और एक दिन वह मूर्ति गिरकर टूट

गई । यह टूटी हुई मूर्ति अब मुंबई के जीजामाता उद्यान में रखी हुई है ।

5) टूटी मूर्ति अब कहाँ की शोभा बढ़ा रही है ?

5. यह टूटी हुई मूर्ति अब मुंबई के जीजामाता उद्यान में रखी हुई है ।

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