VI. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
1. प्राचीन पाषाण युग में मनुष्य द्वारा किन औज़ारों तथा उपकरणों का प्रयोग किया जाता था?
2. मध्य पाषाण युग में मनुष्य के जीवन में आए किन्हीं दो परिवर्तनों के बारे में बताइए।
3. नवपाषाण काल में पहिए का आविष्कार किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हुआ?
4. कृषि का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
5. नवपाषाण युग में कौन-से नए व्यवसाय शुरू हुए?
6. पुरापाषाण युग और नवपाषाण युग के औज़ारों की तुलना कीजिए।
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Answer:
1 - मध्यपुरापाषाण काल - मध्यपुरापाषाण काल में शल्क उपकरणों का प्रयोग बढ़ गया। मुख्य औजार के रूप में पत्थर की पपड़ीयो से बने विभिन्न प्रकार के फलक, वेधनी, छेद्नी और खुरचनी मिलते हैं। हमें वेधनिया और फलक जैसे हथियार भारी मात्रा में मिले हैं।
2 - मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age) जीवनशैली में बदलाव आया। तापमान में भी वृद्धि हुई, साथ-साथ पशु और वनस्पति में भी बदलाव आए, इस युग को मध्यपाषाण युग इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह युग पुरापाषाण युग और नवपाषाण युग के बीच का काल है।
3 - बर्तन बनाने में इस्तेमाल - इन्हें बर्तन बनाने वाले हाथ या पैर से घूमाते थे, कुछ सदियों बाद ईसा से तीन सहस्त्राब्दी पहले बर्तन बनाने वालों ने लेथ या पहियों की मदद से चक्कों का इस्तेमाल शुरू कर दिया, वे भारी पत्थर इस्तेमाल करने लगे ताकि घूमने से ज्यादा ऊर्जा तैयार हो।
4 - कृषि मूल रूप से भोजन ईंधन, फाइबर, दवाओं और कई अन्य चीजों के उत्पादन के लिए पौधों की खेती है जो मानव जाति के लिए एक आवश्यकता बन गई है। कृषि में पशुओं का प्रजनन भी शामिल है। कृषि का विकास मानव सभ्यता के लिए एक वरदान के रूप में बदला गया क्योंकि इसने उनके विकास का मार्ग भी प्रशस्त किया।
5 - पूर्व का मेहरगढ है। यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान के कांची मैदान में स्थित है, और यह दक्षिण एशिया में खेती (गेहूं और जौ) और पशुपालन (मवेशी, भेड़ और बकरीया) की दृष्टि से सबसे आरंभिक साईंटो में से एक है।