vidhyalay me peene ke paani ki uchit vyvastha ke liye suchana tayaar kare
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केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राजकीय विद्यालयों में पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए विभिन्न योजनाओं के मार्फत भले ही करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हो, वही बाप ब्लॉक के कई राजकीय विद्यालयों में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राजकीय विद्यालयों में पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए विभिन्न योजनाओं के मार्फत भले ही करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हो, वही बाप ब्लॉक के कई राजकीय विद्यालयों में पानीकी कोई व्यवस्था नहीं है।ग्राम पंचायत शेखासर क्षेत्र में संचालित राजकीयप्राथमिक विद्यालय भीलों कीढाणी में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इस विद्यालय में न तो पाइपलाइन आई हुई है तथा न ही पानी स्टोरेज करने के लिए टांका बना हुआ है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक गोरखाराम मेघवाल ने बताया कि विद्यालय में 50 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत है। विद्यार्थी प्रतिदिन 2 से 4 किमी की दूरी तय कर विद्यालयपहुंचते हैङ्क्ष। विद्यार्थी घर से पीने का पानी बोतल में भरकर लाते हैं। विद्यालय की छुट्टी होने के बाद जब विद्यार्थी पुन: अपने घर जाते है तो उनके पास में पीने का पानी नहीं होता है। जिस बोतल में पीने का पानी भरकर विद्यार्थी लाते है, वह आधे दिन में ही खत्म हो जाता है।स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक जिस बोतल में विद्यार्थी घरों से पीने का पानी भरकर लाते हैं, वह बोतलेडिस्पोजल होती है, जिनका एक बार ही उपयोग किया जा सकता है। विद्यार्थी जब बोतल में पानी भरते हैं तो वह ठण्डा होता है। समय बीतने के बाद पानी गर्म हो जाता है। यह गर्म पानी विद्यार्थियों केस्वास्थ्य के लिए खरतनाक है।
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