vidhyarti jiven m anushashan per nibandh likhye in hindi (for 9 marks)
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आदर ना करना, गुरु का आदर न करना, झूठ बोलना, गलत संगत में फसना आदि व्याधियों में फंसकर अपने जीवन को लगातार बर्बाद करता चला जाएगा क्योंकि मनुष्य के ये बुरे गुण मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देते हैं ये गुण उनको जीवन में एक जानवर के समान बना देते हैं और उसका जीवन नष्ट होता जाता है.
जो छात्र अनुशासन प्रिय होते हैं और जिनको शिक्षक और मां-बाप अपने जीवन में अनुशासन अपनाने का ज्ञान देते हैं उन्हें अनुशासन के रास्ते से नहीं भटकने देते वास्तव में वो विद्यार्थी आगे चलकर बड़े बड़े पदों पर आश्रित होते हैं वह डॉक्टर, इंजीनियर,वकील, कलेक्टर और देश को चलाने वाले एक सफल राजनेता बनते हैं और हर कोई उनका सपोर्ट करता है.अनुशासन प्रिय विद्यार्थी बचपन में अपनाए गए अपने अनुशासन को जीवन भर बनाए रखकर अपने परिवार जनों का,अपने मां बाप का, अपने पति या पत्नी का,अपने भाई-बहनों का भरोसा जीतते हैं और उनकी प्रशंसा का हकदार होते हैं इसलिए हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान है.विद्यार्थियों को विशेषकर अनुशासन अपनाना चाहिए और जीवन में हमेशा अपने गुरु की मानना चाहिए.
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन
प्रस्तावना-
हम सभी जानते हैं कि अनुशासन हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक होता है लेकिन विद्यार्थी जीवन की अगर हम बात करें तो अनुशासन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि एक इंसान की शुरुआत विद्यार्थी जीवन से ही होती है शुरुआत में वह अगर अनुशासनप्रिय हो तो जीवन में उसका सफल होना तय है अनुशासन प्रिय विद्यार्थी हर किसी को प्रिय भी होते हैं वह वास्तव में हर एक के लिए गर्व की बात होती हैं.
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व-
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्वपूर्ण योगदान होता है.अनुशासन से ही विद्यार्थी हर किसी की नजरों में बनते हैं,वह हर किसी की प्रशंसा के काबिल बनते हैं.अनुशासन प्रिय विद्यार्थी जीवन में हमेशा आगे बढ़ते चले जाते हैं विद्यार्थी जीवन में अगर विद्यार्थी को अनुशासन के महत्व के बारे में समझाया जाए तो उसे जीवन में मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. विद्यार्थी अनुशासनहीन होगा तो ना उसे कोई पसंद करेगा और वह जीवन में ईश्र्या,अहिंसा,असत्य, बड़ों का अनुशासन से देश का विकास-
हम सभी जानते हैं कि विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य होते हैं और अगर विद्यार्थियों में अनुशासन होता है तो वास्तव में वह देश के लिए कार्य करते हैं जो भी उन्हें पद प्रदान किया जाता है वह उसका सही तरह से लाभ उठाते हैं और समाज की और देश की सेवा करते हैं. विद्यार्थी कभी भी देश को नुकसान पहुंचने वाला कार्य नहीं करते वह खुद भी कभी भ्रष्टाचार के रास्ते पर नहीं चलते और ना ही किसी को चलने देते है.वो हमेशा ईमानदारी के साथ अपना कार्य करते हैं और देश को समय पर टेक्स् चुकाते हैं वह अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते हैं और हमेशा दूसरों की मदद करते हैं और सत्य के मार्ग पर चलकर देश को विकास की ऊंचाई तक पहुंचाते हैं.वास्तव में अनुशासनयुक्त विद्यार्थी जीवन में देश को आगे बढ़ाता है.
अनुशासन के बगैर विद्यार्थी जीवन की कल्पना-
वास्तव में अनुशासन के बगैर विद्यार्थी जीवन की कोई कल्पना नहीं की जा सकती जो विद्यार्थी अनुशासनहीन होता है वह अपने स्तर को लगातार गिराता जाता है और समाज के लोग भी उसे पसंद नहीं करते.जो विद्यार्थी अनुशासनहीन होता है वह जीवन में कभी भी अच्छे लेवल का काम नही कर पाता क्योंकि ना तो लोग उसे पसंद करते और ना ही वो जीवन में कुछ ऐसा कर पाता जिससे उसका विकास हो सके.अनुशासनहीन के अंदर बहुत सारी गलत भावनाएं आती हैं वो देर से जागता है और अपने जीवन के कीमती समय को यूं ही नष्ट करता जाता है. अनुशासन के बगैर विद्यार्थी ना तो सही तरह से पढ़ाई कर पाता है और ना ही उसके कोई ज्यादा दोस्त होते हैं क्योंकि उसपर कोई भी भरोसा नहीं करता. अध्यापक भी कभी उसकी नहीं सुनते क्योकि वह अनुशासनहीन होता है वो ना ही उस पर ज्यादा ध्यान देते है लेकिन अनुशासनप्रिय विद्यार्थियों को जीवन में जरूर सफलता मिलती है.
उपसंहार-
अध्यापकों को चाहिए कि वह विद्यार्थियों को अनुशासनयुक्त बनाने की कोशिश करें.मां बाप को भी चाहिए कि अगर उनका बच्चा अनुशासनहीन है तो उन्हें अनुशासन युक्त बनाने की कोशिश करें क्योंकि जब विद्यार्थियों में अनुशासन होगा तभी वह जीवन में एक सफल इंसान की जिंदगी जी सकता हैं अगर कोई विद्यार्थी अनुशासन तोड़े या किसी भी तरह की ऐसी कोशिश करें तो ये उनके जीवन के लिए बिल्कुल भी सही नही है क्योंकि अनुशासन के बगैर विद्यार्थी का आगे चलकर पूरा जीवन भी बर्बाद हो सकता है. वास्तव में अनुशासन विद्यार्थी जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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