Physics, asked by jairamsonwani52, 1 month ago

vidhyut rinta or ektron bandhuta me antar btaiye

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Answered by lavairis504qjio
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Explanation:

विद्युत ऋणात्मकता को प्रभावित करने वाले कारक

1. परमाण्विक त्रिज्या : परमाण्विक त्रिज्या बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन व नाभिक के मध्य की दूरी बढती जाती है जिससे उस इलेक्ट्रॉन पर नाभिकीय आकर्षण बल कम होता जाता है अर्थात इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृति बढती जाती है अत: विद्युत ऋणात्मकता कम होती जाती है।

अर्थात परमाण्विक त्रिज्या , विद्युत ऋणात्मकता के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

2. प्रभावी नाभिकीय आवेश : आवर्त में बाएं से दायें जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश का मान बढ़ता जाता है , साथ ही साझित इलेक्ट्रॉन युग्मों के बीच आकर्षित करने की क्षमता बढती जाती है अत: विद्युत ऋणता का मान भी बढ़ता जाता है , अर्थात विद्युत ऋणात्मकता का मान प्रभावी नाभिकीय आवेश के समानुपाती होता है।

3. ऑक्सीकरण अवस्था : धनात्मक ऑक्सीकरण क्षमता बढ़ने पर परमाणु का आकार छोटा होता जाता है जिससे विद्युत ऋणता का मान भी बढ़ता जाता है जबकि ऋणात्मक ऑक्सीकरण क्षमता बढने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है अत: विद्युत ऋणता का मान कम होता जाता है।

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