vidya dhan sabse bada dhan he essay in hindi
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विद्या सबसे बड़ा धन है ।
विद्या सबसे बड़ा धन है। विद्या धन हम से कोई नहीं चुरा सकता है | विद्या धन को हम बाँट सकते है | सब को ज्ञान दे सकते है | विद्या धन ऐसा धन है जो बाँटने से बढ़ता है | यह कभी खत्म नहीं होता | विद्या का ही परिणाम है कि हम अपने विवेक का प्रयोग कर आसानी से जीवन निर्वाह कर पाते है |
विद्या से हम सब जीवन में सब कुछ हासिल कर सकते है | विद्या से हम एक स्वतंत्र रूप से जीवन व्यतीत कर सकते है | विद्या के कारण संसार में मानव को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। विद्या से सब प्रकार का सुख और यश प्राप्त होता है। विद्या के द्वारा मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है। हर एक व्यक्ति को अधिक से अधिक विद्या प्राप्त करनी चाहिए|
विद्या हमारे बहुत जरूरी है | हमें अपनी विद्या को अपने जीवन में बहुत महत्व देना चाहिए| हमें खुद भी पढ़ना चाहिए और दूसरों को भी विद्या के महत्व के बारे में जानकारी देनी चाहिए| हमें अपने आस-पास विद्या के बारे में जागरूक करना चाहिए |
विद्या एक अनोखा धन है
जो दान करने से तो बढ़ता है, परंतु गाडक़र रखने से नष्ट हो जाता है। विद्या अमूल्य और कभी ना नष्ट होने वाला धन है। इसका नाश कभी नहीं होता। लेकिन अन्य सभी धन नष्ट हो जाते हैं। आज हम जिस समाज में रहते हैं, पहले ऐसा नहीं था। पशु और पक्ष्ज्ञियों की ही तरह मनुष्य भी केवल पेट भरना और सो जाना भर जानता था। धीरे-धीरे उसने विद्याध्ययन किया और ज्ञान प्राप्त किया।
विद्या के द्वारा मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है :-
तभी मनुष्य अपने अधिकार और कर्तव्यों का सही अर्थ समझ पाता है। मनुष्य अपने अधिकार और कर्तव्यों का सही रूप से पालन कर पाता है। समाज के हर मनुष्य को अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरुक होना चाहिए। ऐसा विद्या से ही संभव है। विद्या प्राप्त करने से मनुष्य में विनम्रता आती है। विनम्रता से मनुष्य सम्माननीय बनता है। विद्या के बिना मनुष्य अंधे के समान है।
विद्या को सबसे श्रेष्ठ धन कहा जाता है :-
विद्या ऐसा धन है जिसे न चोर चुरा सकता है, न राजा दंड में ले सकता है, न भाई बांट सकता है और न कभी यह बोझ हो सकता है। अत: हर एक व्यक्ति को अधिक से अधिक विद्या प्राप्त करनी विद्या से सब प्रकार का सुख और यश प्राप्त होता है। विद्या विदेश में भाई के समान सहायक होती है। विद्या के कारण ही राजदरबार में सम्मान मिलता है, बल और धन के कारण नहीं। इसलिए विद्या को सबसे श्रेष्ठ धन कहा जाता है।
बिना विद्या के व्यक्ति बिना पूँछ के जानवर के समान है |