Hindi, asked by shifakamaal, 1 month ago

vidya ratnam mahadhanam shlok in Sanskrit​

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Answered by sareenzoya938
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ज्ञातिभि र्वण्टयते नैव चोरेणापि न नीयते । दाने नैव क्षयं याति विद्यारत्नं महाधनम् ॥ भावार्थ : यह विद्यारुपी रत्न महान धन है, जिसका वितरण ज्ञातिजनों द्वारा हो नहीं सकता, जिसे चोर ले जा नहीं सकते, और जिसका दान करने से क्षय नहीं होता

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