vidyalay ke upar nibandh in Hindi
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मेरे विद्यालय का नाम _______है । मेरे विद्यालय की इमारत बहुत ही अच्छी है । मेरे विद्यालय में लगभग 90 से 100 कमरे हैं ।वहां के सभी अध्यापक बहुत ही अच्छे हैं । हर एक अध्यापक 10 से 20 साल का एक्सपीरियंस जानता है । वह ज्ञान का मंदिर है । मेरे स्कूल में सभी प्रकार की शिक्षा और पाठ्यक्रम गतिविधियों की सुविधाएँ है। मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।मेरे विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है जिसमे बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट भी आसानी से खेल सकते हैं।मेरे विद्यालय में शिक्षा बहुत ही अच्छे प्रिंसिपल और शिक्षक हैं।मेरे स्कूल में सभी प्रकार के खेल-कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।स्कूल में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।मेरा विद्यालय बहुत ही साफ़-सुथरा है क्योंकि यहाँ स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर बहुत ध्यान दिया जाता है।हर साल मेरे विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक पिकनिक मनाने जाते हैं। if you do not like this one then you can write this one also
विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।कहते हैं, जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग हमारा बचपन होता है। बचपन का हर पल खुल कर जीना चाहिए। न ही कोई जिम्मेदारी का बोझ होता है और न ही करियर की टेंशन। सिर्फ खुद से मतलब। ऐसा मस्त समय जीवन में दोबारा कभी नहीं आता। और इन सब मस्ती के पल का साक्षी होता है, हमारा विद्यालय।मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। इसलिए मैं पैदल ही विद्यालय पहुंच जाती हूँ। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है। ठीक बगल में बड़ा सा खेल का मैदान भी है, जिसे क्रीड़ा मैदान कहते है।मेरा विद्यालय चूंकि सरकारी है, अतः यह सारी सुख-सुविधाओं से लैस है। हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मुझे उस क्षण का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि मैं हर साल अपनी कक्षा में प्रथम आती हूँ। और इस मौके पर बड़े-बड़े अधिकारी आते हैं और मेधावी बच्चों को अपने हाथों से ईनाम देते है।
वह पल बड़ा अविस्मरणीय होता है, जब हजारों बच्चों के बीच से आपका नाम बुलाया जाता है, और मंच पर जाते ही आप का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अभिनंदन किया जाता है। आप अचानक से ही आम से खास हो जाते है। हर कोई आपको पहचानने लगता है। बड़ा कमाल का अनुभव होता है, जिसे शब्दों में पिरो पाना मुमकिन नहीं। बहुत अच्छा लगता है कि मैं इस विद्यालय की छात्रा या छात्र हूं ।