Hindi, asked by Nishchitnish4008, 1 year ago

vidyalya ka khel divas

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Answered by shubhampratap
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प्रस्तावना:

हमारे स्कूल के संस्थापक लाला केदारनाथ का जन्म 15 दिसम्बर को पड़ता है । यही दिन हमारे रकूल के वार्षिक खेलकूद के लिए रखा गया है । हर वर्ष विद्यार्थी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं । इस दिन हमे बड़ा आनन्द मिलता है । साल दिन बड़े हर्षोल्लास से बीतता है ।

कार्यक्रम का निर्धारण:

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस दिन के लिए बड़ा रोचक कार्यक्रम बनाया गया । प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों के माता-पिताओं को भी आमन्त्रित किया । वरिष्ठ पी टी अध्यापक को सारे काम का उत्तरदायित्व सौंपा गया । खेलकूद ठीक दस बजे शुरू हो गए ।

कार्यक्रम का प्रारम्भ:

सबसे पहले प्रत्येक खेलकूद में भाग लेने वाले सभी खिलाडियों ने एक मार्च-पास्ट का आयोजन किया । प्रिसिपल ने सलामी ली । इसके बाद खेलकूद शुरू हो गए ।

विभिन्न प्रकार की दौड़े:

कार्यक्रम में सबसे पहले दौडों का आयोजन किया गया । यह दौडे 100 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर तथा 5 किलोमीटर की थीं । 5 किलोमीटर की दौड में बड़ा मजा आया । इस दौड में हरी नाम के एक मोटे लड़के ने भी भाग लिया ।

उसे दौड़ते देखकर बड़ा मजा आ रहा था । सभी लड़के बराबर हस रहे थे और खुश होकर तालियां पीट रहे थे । जब अन्य खिलाड़ी दो चक्कर पूरे कर चुके थे, तब तक हरी मुश्किल से आधा चक्कर ही पूरा कर पाया था । लेकिन फिर भी वह बराबर दौड़ता रहा । बाधा दौड़ भी बड़ी आकर्षक रही । इस दौड़ में लड़कों के पीछे से हाथ बांध दिये गए ।

उन्हे ऊपर रस्सी मै बधे फलो को उछल कर मुंह से लपकना पड़ता था । लोगों को उछलते, गिरते और सफल तथा असफल होते देख हम सभी हंसी से लोट-पोट हो गए । इसके अलावा आलू दौड़, चम्मच दौड़, बोरा दौड़, तीन टाग की दौड़, आदि आयौजन भी बड़े आनन्ददायक रहे ।

धीमी साईकिल और तेज साइकिल दौड़:

इसके बाद धीमी साइकिल दौड हुई । बहुत-से लड़कों ने इसमें भाग लिया ! मेरे मित्र रवि ने यह दौड़ बड़ी आसानी से जीत ली । दूसरा आइटम ने ज साइकिल दौड़ का था । इस दौड़ फासला 3 किलोमीटर रखा गया था । लगभग 20 साइकिल सवारों ने इसमें भाग लिया । वे बड़ी तेजी से होकर पास से निकल गए । यह दौड़ उमाशंकर ने जीती ।

विभिन्न कूदें:

दौडों के बाद कूदों का नम्बर आया । इनमें लाग जम्प, हाई जम्प, और ट्रिपल जम्प रखे गये थे । यह सभी कूदें भी बड़ी रुचिकर रहीं ।

अन्य खेलकूद:

इसके बाद कुछ ऐसे खेलकूद रखे गए, जिनमें शक्तिशाली और स्वस्थ बालक ही भाग ले सकते थे । जैसे शॉट-फुट, ढिस्क्स थ्रो, और हैमर थ्रो । मैंने इनमें से किसी आइटम में भाग नहीं लिया, क्योंकि मुझे इनमें कोई रुचि नहीं है ।

भार उठाना:

अब एक अन्य रोचक आइटम प्रारम्भ हुआ । यह भार उठाने की प्रतियोगिता थी । पिछले वर्ष अरुण ने इस खेल की जूनियर चैम्पियनशिप जीती थी । हम उसके काम को देखना चाहते थे । वह जब मैदान में उतरा तो जोरदोर तालियों से उसका स्वागत हुआ । उसका शरीर बड़ा सुदृढ़ और माँसल था । उसने बड़ी आसानी से भार को उठाकर प्रतियोगिता जीत ली । उसकी सभी ने प्रशंसा की ।

अध्यापकों की दौड़:

कार्यक्रम का अन्तिम आइटम अध्यापकों की दौड़ था जिसकी प्रतीक्षा हम बड़ी बेसब्री से कर रहे थे । सभी अध्यापकों ने इसमें भाग लिया । यह दौड़ हमारे ड्रांइग टीचर श्री के.सी सिंघल ने जीती ।

उपसंहार:

खेलों की समाप्ति के बाद पुरस्कार वितरित किए गए । अरुण को स्कूल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया । ड्रांइग टीचर को इनाम में एक छोटी-सी गुड़िया दी गई, जिसे देख कर सभी खूब हसे । इसके बाद सभी विद्यार्थियों को मिठाई बीटी गई । मिठाई लिए हुए हम सब इसी-खुशी घर लौट पड़े ।

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