Hindi, asked by SujoySamuel3, 1 year ago

Vidyarthi aur uska bhavishya essay in Hindi . 50 points 150 words . No time pass for points

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Answered by Anonymous
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विद्यार्थी जीवन तपस्या का जीवन है . उस समय विद्यार्थी को पूर्ण साधक बनकर विद्योपार्जन करना पढता था . आजकल विद्याथी जीवन बड़ा ही सुखमय एवं विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से युक्त है . प्राचीन काल में व्वाहरिक शिक्षा मिलती थी जबकि वर्तमान में केवल पुस्तकीय ज्ञान का ही सहारा लेना पढ़ता है . प्राचीन काम में विद्याथी का मुख्य उदेश्य विद्यार्जन तक ही सीमित था , परन्तु आज के विद्याथी जीवन का बाहरी वस्तुओं से भी सम्बन्ध रखते हैं . आज छोटे - छोटे बच्चों में भी राजनीति घर कर गयी है . एक आदर्श विद्याथी के निम्न लक्षण है -

काकचेष्टा बको ध्यानं श्वान निद्रा तथैव च।

अल्पाहारी, गहत्यागी, विधार्थी पञ्चलक्षणम्॥


विधार्थी जीवन ज्ञान प्राप्ति का समय है . उसे ज्ञान प्राप्त करने के लिए काक की तरह ,बगुले की तरह ध्यान ,कुत्ते की तरह नींद ,अल्पहारी तथा घर त्यागी आदि निमयों का पालन करना चाहिए . इस समय उसे आलस्य त्याग कर मानसिक एवं शारीरिक परिश्रम करना चाहिए . परिश्रमशील छात्र का जीवन ही सदा सुखमय रहता है . विद्यार्थी ही राष्ट्र के भाग्य विधाता है . आज के विद्यार्थी ही कल के भावी देश के कर्णधार होंगे . विधार्थियों को इस समय में पूर्ण अनुशासित होकर अपने गुरुओं का आदर करना चाहिए . विधार्थी जीवन आदर्श का जीवन है . शिक्षकों एवं अभिभावकों को इस समय सतर्क होकर विधार्थियों के चरित्र का निर्माण करना चाहिए .

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Answered by Ashi03
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विद्यार्थी जीवन ज्ञान प्राप्ति का समय है। यह जीवन हर इंसान के जीवन का महत्वपूर्ण समय होता है। इसी समय पर इंसान का सम्पूर्ण भविष्य निर्भर करता है। इस समय का सदुपयोग करने वाले अपने जीवन को महान और आरामदायक बना सकते हैं। जो विद्यार्थी इस समय को फालतू के कार्यों में बर्बाद करता है उसका भविष्य अंधकार में सिमट जाता है। विद्यार्थी जीवन में ही इंसान के असली चरित्र का निर्माण होता है। इसीलिए जिंदगी के हर मोड़ पर सोच समझकर कदम उठाने की जरूरत पड़ती है।

विद्यार्थी जीवन (Student Life) में सबसे ज्यादा शिक्षा , स्वास्थ्य , खेल कूद का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है। विद्यार्थी को परिश्रमी बनने की ज्यादा जरूरत पड़ती है। विद्यार्थी को बुरी संगत से बचने की ख़ास जरूरत होती है यदि एक बार बुरी संगति का असर हो जाए तो इससे निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है बुरी संगति विद्यार्थी का जीवन बर्बाद कर देती है। इसीलिए विद्यार्थी को नम्र बनकर शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।

एक अच्छे विद्यार्थी पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। इसीलिए विद्यार्थी जीवन में सही मार्गदर्शन होना बेहद जरूरी होता है क्योंकि विद्यार्थी जीवन पर मनुष्य जीवन की नींव टिकी होती है। यदि नींव पक्की हो तो उस पर भवन भी पक्का बनता है और यदि नींव ही कमज़ोर हो तो भवन नहीं टिक पायेगा।

जीवन कच्चे घड़े के समान होता है इसीलिए बचपन में जैसे संस्कार मिल जाएं वहीँ आदत बन जाते हैं यहीं सोचकर विद्यार्थी को अपने जीवन में सदा अच्छे और सच्चे मित्र बनाने चाहिए बुरे चरित्र वाले मित्र जीवन की नाव को डुबो देते हैं। मर्यादा का ध्यान रखना विद्यार्थी का पहला कर्तव्य होता है इसके इलावा प्रत्येक विद्यार्थी को देशभक्त होना चाहिए। विद्यार्थी जीवन अमृत से भरा जीवन है यहीं से आपके असल जीवन की शुरुयात होती है इसी के आधार पर अच्छा बुरा इंसान बनता है इसीलिए विद्यार्थी जीवन का सदुपयोग करना हर छात्र परम कर्तव्य होना चाहिए।

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