Hindi, asked by maanyasikka, 10 months ago

Vidyarthi Jeevan Mein timetable ka mahatva

Plsssss telllllll fastttttttttt

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Answered by Ritiksuglan
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Answer:

अपने समय को सही प्रकार से उपयोग करना सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति के लिए ज़रूरी है क्योंकि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आएगा। विद्यार्थी के लिए समय का महत्त्व बहुत ज़्यादा है क्योंकि यही वह समय होता है जो उसका भविष्य तय करता है। समय तालिका का महत्त्व इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि उससे समय प्रबंधन में मदद मिलती है। अगर विद्यार्थी समय तालिका बनाकर काम करेगा तो उसे पढ़ने के लिए अधिक से अधिक समय मिलेगा और वह यह भी पता लगा पायेगा कि उसका समय बर्बाद कहाँ होता है। और उस अनुसार वह अपने समय प्रबंधन को सुधार पायेगा।

Answered by vanshika1076
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Explanation:

अपने समय को सही प्रकार से उपयोग करना सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति के लिए ज़रूरी है क्योंकि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आएगा। विद्यार्थी के लिए समय का महत्त्व बहुत ज़्यादा है क्योंकि यही वह समय होता है जो उसका भविष्य तय करता है। समय तालिका का महत्त्व इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि उससे समय प्रबंधन में मदद मिलती है। अगर विद्यार्थी समय तालिका बनाकर काम करेगा तो उसे पढ़ने के लिए अधिक से अधिक समय मिलेगा और वह यह भी पता लगा पायेगा कि उसका समय बर्बाद कहाँ होता है। और उस अनुसार वह अपने समय प्रबंधन को सुधार पायेगा।

एक विद्यार्थी का जीवन पूर्णतया अनुसाशित होना चाहिए। और अनुसाशन की पहली शर्त है समय का पालन और समय का सदुपयोग। आप जानते होंगे कि सेना में अनुसाशन का बहुत महत्व है, और वहाँ कोई भी एक मिनट भी लेट नहीं होता। उसी तरह विद्यार्थियों का भी जीवन होता है। उन्हें तो और कम अवधी में बहुत सारी पढाई और खेलकूद भी करना होता है। सभी चीज सभी विषय को बराबर बराबर समय आवंटित कर उसका नियम पूर्वक पालन कर ही कोई विद्यार्थी एक सफल विद्यार्थी बन सकता है। जैसे ही थोड़ा विलम्ब या थोड़ी सी भी समय की चूक हुई एक विद्यार्थी बहुत ज्यादा पिछड़ सकता है।

सही मायने में विद्यार्थी का संपूर्ण अध्यनकाल समय तालिका के अनुरूप ही होना चाहिए l जिससे उसके जीवन मे अनुशासन की आवशयकता और महता का ज्ञान हो जो कि अतिशय महत्वपूर्ण हैं l अध्यन क्या करना हैं, कब करना हैं इसकी जानकारी पूर्व से हो तो अधिक उतम हैं, समय तालिका से विद्यार्थी इससे भी अवगत रहता है कि उसे आगे किन विषयों में क्या और कितना अध्यन करना है, जो कि व्यवस्थापूर्वक किए गये अध्यन का मुख्य भाग हैं, इसके अतिरिक्त व्यवस्थित अध्यन विषयों पर अच्छी पकड़ होने का सकारात्मक दृष्टिकोण भी कायम करती हैं l विद्यार्थी के सम्पूर्ण क्रियाकलापों का नियमित अवलोकन अनुशासनत्मक जीवन की नीव हैं l

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