Vidyarthiyon mein badhti anushasan hinta quotation
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- अनुशासन राष्ट्रीय जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यदि प्रशासन, स्कूल, समाज,परिवार सभी जगह सब लोग अनुशासन में रहेंगे और अपने कर्त्तव्य का पालन करेंगे, अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे तो कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी या अशांति नहीं होगी। नियम तोड़ने से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा समाज में अव्यवस्था पैदा होती है। बड़े होकर अनुशासन सीखना कठिन है।
- अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार में रहकर सीखा जाता है। विद्यालय जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है। अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है। सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में मानव बनता है। भय से अनुशासन का पालन करना सच्चा अनुशासन नहीं है और ना ही अनुशासन पराधीनता है। यह सामाजिक तथा राष्ट्रीय आवश्यकता है।
- देश में व्याप्त तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को अनुशासनप्रिय होना चाहिए।
- अनुशासनप्रिय होने के लिए हमें स्वप्रेरणा के आधार पर कार्य करना होगा।
- अनुशासन से अभिप्राय नियम, सिद्धान्त तथा आदेशों का पालन करना है। जीवन को आदर्श तरीके से जीने के लिए अनुशासन में रहना आवश्यक है। अनुशासन का अर्थ है, खुद को वश में रखना।
- अनुशासन के बिना व्यक्ति पशु के समान है। विद्यार्थी का जीवन अनुशासित व्यक्ति का जीवन कहलाता है। विद्यार्थी को विद्यालय के नियमों पर चलना होता है। शिक्षक का आदेश मानना पड़ता है। ऐसा करने पर वह योग्य, चरित्रवान व आदर्श नागरिक कहलाता है।
अनुशासन के उपाय – Anushasan Ke Upay
अगर विद्यार्थी को अनुशासन में रहना सिखाना है तो पहले स्वयं हमें अनुशासन में रहना होगा क्योंकि विद्यार्थी हमेशा देखकर ही सीखता है. विद्यार्थी को पढ़ने के लिए एक अच्छे विद्यालय में भेजना होगा. विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और प्रतियोगिताओं में भी भाग लेने को प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि इन सभी कार्यों से एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण होता है जो कि एक विद्यार्थी के लिए बहुत आवश्यक है.
अभिभावकों को भी अपने बच्चों को टाइम देना होगा उसने अनुशासन सिखाना होगा क्योंकि आजकल के अभिभावक सिर्फ बच्चों को स्कूल भेजना और फिर उन्हें ट्यूशन भेजना ही अपना कर्तव्य समझते है. जिसके कारण एक बच्चा अलग-थलग पड़ जाता है.
और वह बुरी प्रवृत्तियां अपना लेता है आज के इस मोबाइल और टेक्नोलॉजी के युग में अभिभावकों को घर पर कम से कम मोबाइल का उपयोग करना होगा जिससे भी अपना बच्चों को टाइम दे सकें और उनका अच्छा भविष्य बना सकें.