Hindi, asked by lucky1642, 1 year ago

Vigyan ka Mila Jab Aadhar Sukhi Hua Saara Sansar par anuched

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Answered by AbsorbingMan
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           विज्ञानं का मिला जब आधार सुखी हुआ सारा संसार

विज्ञान की अभूतपूर्व खोजों से संपूर्ण विश्व मानो सिमटता हुआ प्रतीत हो रहा है । हजारों मील की दूरी पर बैठा हुआ व्यक्ति अपने परिजनों से निरंतर संपर्क रख सकता है । वह उनसे बातचीत ही नहीं अपितु उन्हें चित्र पर देख भी सकता है ।

इसके अतिरिक्त दुनिया के एक कोने पर बैठे हुए व्यक्ति दुनिया के दूसरे छोर तक की यात्रा वायुयान के माध्यम से मात्र 24 घंटे के भीतर ही तय कर सकते हैं ।

इस प्रकार हम देखते हैं कि प्राचीन काल के मानवों की तुलना में आधुनिक मानव के रहन-सहन व जीवन-यापन आदि के तरीकों में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है । मनुष्य समय के साथ कल्पनाओं की अपनी अनेक उड़ानों को यथार्थ रूप देने में सक्षम हुआ है ।

विज्ञान के नित नए आविष्कारों से मानव जीवन में और भी अधिक सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं । विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति मानव जीवन के उत्थान का भी पर्याय बन गई है । भविष्य के प्रारूप की व्याख्या तो कोई भी व्यक्ति विश्वसनीय रूप में नहीं कर सकता है परंतु वर्तमान को नि:संदेह विज्ञान का ही युग कहा जा सकता है । विज्ञान आज मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है ।

Answered by MohiniJawale
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विज्ञानं का मिला जब आधार सुखी हुआ सारा संसार

विज्ञान की अभूतपूर्व खोजों से संपूर्ण विश्व मानो सिमटता हुआ प्रतीत हो रहा है। हजारों मील की दूरी पर बैठा हुआ व्यक्ति अपने परिजनों से निरंतर संपर्क रख सकता है। वह उनसे बातचीत ही नहीं अपितु उन्हें चित्र पर देख भी सकता है। इसके अतिरिक्त दुनिया के एक कोने पर बैठे हुए व्यक्ति दुनिया के दूसरे छोर तक की यात्रा वायुयान के माध्यम से मात्र 24 घंटे के भीतर ही तय कर सकते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि प्राचीन काल के मानवों की तुलना में आधुनिक मानव के रहन-सहन व जीवन-यापन आदि के तरीकों में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। मनुष्य समय के साथ कल्पनाओं की अपनी अनेक उड़ानों को यथार्थ रूप देने में सक्षम हुआ है। विज्ञान के नित नए आविष्कारों से मानव जीवन में और भी अधिक सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति मानव जीवन के उत्थान का भी पर्याय बन गई है। भविष्य के प्रारूप की व्याख्या तो कोई भी व्यक्ति विश्वसनीय रूप में नहीं कर सकता है परंतु वर्तमान को नि:संदेह विज्ञान का ही युग कहा जा सकता है। विज्ञान आज मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है।

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