Biology, asked by heartlessBoy48075, 10 months ago

vigyan ke badhte charan nibhand hindi and English​

Answers

Answered by aaravankit8651
3

Answer:

विज्ञान के बढ़ते कदम (Increasing steps of science)

गत शताब्दी में विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति और विकास किया है. जहाँ आज से सौ वर्ष पहले मनुष्य बैल गाड़ियों और घोड़ो पर बैठकर यात्रा करता था और सौ मिल की यात्रा करने में उनको कई दिन चलना पड़ता था. वहां आज सैकड़ो मील की यात्रा वह चुटकियों में तय कर लेता है. और वायु से क्या ध्वनि की गति से भी तीव्र चलने वाले यानों से यात्रा करता है.

विज्ञान के द्वारा प्रदत सुविधाओं से वह सैकड़ों मील दूर के द्रश्य देख लेता है तथा मीलों दूर बैठे व्यक्ति से वार्तालाप कर सकता है. आज हम घर बैठें संसार के सर्वश्रेष्ठ गायक गायिकाओं के गाने सुन सकते है तथा संसार की सर्वश्रेष्ठ सुन्दरियों के नजाकत भरे अभिनय के दर्शन भी कर सकते है., आज आवाज भी टैप में कैद होती है.

सामरिक क्षेत्र में भी विज्ञान की सहायता से ऐसें ऐसें बंम और राकेट बना दिए है कि आज युद्ध प्राचीनकाल से कठिन और विनाशक हो गया है. आज तो बस बटन दबाने भर की देर है और एक परमाणु सम्पन्न देश दूसरें को नष्ट कर सकता है. विज्ञान की इस असीमित उन्नति आगे भी होती रहेगी, ऐसा पूर्ण विश्वास है.

विज्ञान मानव के लिए वरदान (science ke chamatkar, science boon or bane in hindi)

विज्ञान से मानव को जितना लाभ हुआ है उतना उसे प्राचीन युग में ईश्वर या धर्मों से नही हुआ है. विज्ञान से समाज और व्यक्ति दोनों समान रूप से उपकृत हुए है. व्यक्ति का जीवन पग पग में सरल और उच्च स्तरीय बन गया है. सौ वर्ष पहले परिवार की कोमलांगी गृहणियों खाना पकाने के लिए लकड़ी जलाती थी. धुंए से उनकी आँखे ओस से भीगे हुए कमल के समान लाल होकर आसुंओ से नम हो जाती थी और कोमल हाथ क्षत विक्षत हो उठते थे.

लेकिन आज विज्ञान की सहायता से उस वीभत्स समस्या का अंत हो गया है. आज गृहणियाँ गैस के चूल्हे या स्टोव पर खाना पकाती है. जिससे उसका कोमल सौदर्यपूर्ण सुरक्षित रहता है. ऐसा ही जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी है. आज अगर राजस्थान में अकाल पड़ता है तो पंजाब से वहां के लिए गेहूं पहुच जाता है. पहले यह संभव नही था. विश्वभर के समाचारों को समाचार पत्र पढ़ने वाले आधुनिक व्यक्ति के व्यक्तित्व का बौद्धिक विकास हो गया है.

विज्ञान मानव के लिए अभिशाप (vigyan Science curse for human)

लेकिन साथ ही विज्ञान ने मनुष्य के महत्व और कार्यक्षेत्र का असीमित विस्तार करके उसे बहुत ज्यादा व्यस्त बना दिया है. विज्ञान ने मनुष्य के सामने विचार का इतना बड़ा क्षेत्र खोल दिया है. वह ढूढने पर स्वयं को खोज नही पाता है. वह एक विशाल मशीनरी सभ्यता का स्वचालित यंत्र मात्र बनकर रह गया है. इसी भयंकर व्यस्तता से वह अपने अन्दर की मानवीय भावनाओं को आहिस्ते आहिस्ते भूला बैठा है और वह यंत्रवत होता जा रहा है.

विज्ञान से दूसरी हानि यह है कि विज्ञान द्वारा जुटाये गये सुख के साधन इतने मोहक और लुभावने है कि व्यक्ति उन्हें प्राप्त करने के लिए अपना मनुष्यत्व भूल जाता है. इसी से भ्रष्टाचार की असीमित स्थिति हो गई है. इससे आज भौतिकवादी प्रवृति बढ़ रही है और लोग सुख विलास को ही जीवन का ध्येय मान रहे है.

विज्ञान ने अणु आयुधों एवं विषाक्त गैसों का निर्माण करके मानव जाति के समूल विनाश का भय उत्पन्न कर दिया है. यह मानव जाति के लिए अभिशाप दिखाई दे रहा है. अतः विज्ञान की अति भौतिकवादी प्रयोग हानिकारक ही है.

विज्ञान का सदुपयोग (importance of science essay)

आज इस तरह के चिंतन की जरुरत है कि विज्ञान की प्रगति मानवीय दृष्टि से समन्वित रहे. किसी विद्वान का कथन है कि व्यक्ति को धन का गुलाम नही बनना चाहिए. वरन धन को गुलाम बनाकर उससे काम लेना चाहिए. यही बात विज्ञान के सन्दर्भ में कही जा सकती है. मानवता का स्थान सर्वोपरि है.

विज्ञान हमारी सुविधा के लिए है, हम इसकी सुविधा के लिए नही है. अतः विज्ञान के द्वारा प्रदत सुविधाओं को उसी हद तक महत्व मिलना चाहिए, जिससे मनुष्य की मनुष्यता सुरक्षित रहे, अमानवीय न बन जाए तथा उसकी आत्मा सूखे नाले की तरह नीरस न हो जाए.

विज्ञान को अभिशाप बनाने का उत्तरदायित्व बुद्दिमान और विवेकशील लोगों पर है. इसलिए विज्ञान के सुपरिणामों को सही रूपों में प्राप्त करने के लिए यह अनिवार्य है कि लोगों को सही रूप में शिक्षा प्रदान कर उनमे वैज्ञानिक समझदारी बढाई जाए. मूर्खों तथा स्वार्थी लोगों के हाथ में पड़कर कोऊ अच्छी चीज भी बुरी बन जाती है.

मित्रों आशा करता हूँ विज्ञान के चमत्कार पर यहाँ दिया गया निबंध आपकों अच्छा लगा होगा, यदि इस लेख में दी गई जानकारी आपकों पसंद आई हो तो प्लीज इसे शेयर करे.

Explanation:

PLEASE MARK AS BRAINLIEST

Similar questions