Vigyan ke Chamatkar Lavani ki Vishay Mein nibandh Bataye 150 words
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प्रस्तावना- आज का युग विज्ञान का युग है। छोटी से छोटी वस्तु से लेकर बड़ी से बड़ी वस्तु तक जो भी आज हम जीवन में उपयोग में ला रहे हैं, विज्ञान की देन है। ये वस्तुएँ इतनी अधिक हैं कि इनका नाम तक गिन पाना सरल नहीं। छोटी सी सुई, धागा, बटन, कागज, पेंसिल, पेन आदि सारी वस्तुएँ विज्ञान के कारण ही हमें आज प्राप्त हैं।
समय बचत - विज्ञान ने समय और स्थान की दूरी समाप्त कर दी है। पहले जहाँ पहुँचने में कई महीने लग जाते थे, वहाँ अब कुछ ही घंटों में पहुँच जाते हैं। सागर को पार करना अब कठिन नहीं है। पर्वत को लांघना अब बांय हाथ का खेल बन गया है। रेगिस्तान को पार करना अब कठिन नहीं रहा। यह सब विज्ञान के कारण ही संभव हो पाया है।
विज्ञान की प्रगति - विज्ञान के कारण आज मानव ने बहुत प्रगति कर ली। शिक्षा, कृषि, उद्योग-धंधे, यातायात के साधन, सभी में विज्ञान के बढ़ते चरण दिखाई दे रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। शिक्षा के लिए आवश्यक पुस्तकें, कागज, पेंसिल, पेन आदि विज्ञान के द्वारा ही हमें मिल पा रहे हैं। इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों में भी हमने बहुत प्रगति की है। इस प्रगति का आधार है विज्ञान।
मनोरंजन और विज्ञान - आज खेल कूद की सामग्री से बाजार भरे पड़े हैं। अनेक प्रकार के पत्र-पत्रिकाएँ, रेडियो, दूरदर्शन आदि हम आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। घर बैठे बैठे हम दूरदर्शन पर अपनी पसंद का कार्यक्रम देख सकते हैं। मनोरंजन के क्षेत्र में यह उन्नति विज्ञान के चमत्कार का ही परिणाम है।
चिकित्सा और विज्ञान- चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने चमत्कार पैदा कर दिया है। छोटी से छोटी बीमारी से लेकर बड़े से बड़े घातक रोग तक का इलाज आज आसानी से किया जा सकता है। कोई भी रोग आज ऐसा नहीं जिसे असाध्य कहा जा सके। हमारे पास सबका इलाज है। आज हमें नई नई औषधियाँ प्राप्त हैं। शल्य चिकित्सा के लिए एक से एक बढि़या उपकरण का आज हम प्रयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं आज हमम रने के समीप रोगी को भी कुछ और समय जीवित रख सकते हैं। ऐसी औषधियाँ भी विज्ञान के चमत्कार का ही प्रमाण हैं।
विज्ञान के लाभ- इस प्रकार विज्ञान के लाभ ही लाभ हैं। विज्ञान ने हमारे जीवन को बिल्कुल बदल कर रख दिया है। पहनने के लिए बढि़या से बढि़या कपड़ा हमें प्राप्त है। अब अकाल दुर्भिक्ष की बात कभी हम सोच ही नहीं सकते। स्कूटर, कारें, बसें, वायुयान और रेलगाडि़याँ हमारे आने जाने के साधन हैं। बिजली ने गर्मी और सर्दी को अपने वश में करने का रास्ता बना दिया है। पर यह विज्ञान का एक पक्ष है। इसका दूसार पक्ष भी है।
उपसंहार- विज्ञान ने मानव जीवन को बदल कर रख दिया है। इसने असंभव को संभव कर दिखाया है। विज्ञान तो साधन है। इस साधन का प्रयोग करना मानव के हाथ में है। वह यदि चाहे तो इससे मानव जाति का कल्याण कर सकता है। यदि वह विज्ञान का प्रयोग मानव के विनाश के लिए करता है तो इसमें विज्ञान का कोई दोष नहीं। दोष यदि है तो उसका है जो इसका मानव संहार के लिए प्रयोग करता है।