Vigyan ke labh aur Hani par nibandh Hindi mein
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Explanation:
विज्ञान ने वायुयान, जलयान रॉकेट, कार व ट्रेन आदि यातायात के साधनों का आविष्कार करके वर्षों की यात्रा को दिनों में और दिनों की यात्रा घंटों में संभव कर दी है। तार, टेलीफोन और बेतार के तार द्वारा संवाद भेजने में बड़ी सुविधा हो गई है। इन सब के द्वारा आज संसार बहुत छोटा हो गया है।
Answer:
हमारी दुनिया हर पल बदल रही है। हमारे जीवन की गति भी उसके साथ बदलती जा रही है इस परिवर्तन का कारण है विज्ञान ।
आधुनिक सभ्यता विज्ञान के ही रचना है । विज्ञान ने मनुष्य को चंद्र लोक की सैर करा दी है।असाध्य रोगों का इलाज संभव करा दिया है।
आज मनुष्य कुछ क्षणों में ही सारी पृथ्वी की परिक्रमा कर सकता है। दूर-दूर की घटनाएं और दृश्यों को अपने सामने घटित होते देख सकता है। मोबाइल ,इंटरनेट ,दूरदर्शन, जेट, प्लेन और ना जाने कितने ऐसे आविष्कार हैं जिन्होंने मनुष्य के जीवन को सुख सुविधाओं से बतिया है । आज मानव जाति को समृद्ध बनाने वाली समस्त विभूतियां विज्ञान की देन है।
लेकिन जब हमें हिरोशिमा और नागासाकी की याद आती है तो दिल दहल जाता है। युद्ध में प्रयुक्त अनेकानेक अंतर्गत विनाशकारी यंत्र विज्ञान की ही देन है। हाइड्रोजन बम और उनसे में विनाशकारी वस्तुओं का अविष्कार हुआ है। एक मूर्ख शासक या अधिकारी एक क्षण में पूरे विश्व का विनाश कर सकता है। भविष्य के विनाश की कल्पना करके हम विज्ञान को कोसते रहते हैं लेकिन यह अमंगल रूप विज्ञान का नहीं है ।
बात यह है कि विज्ञान के द्वारा मनुष्य के बाहरी सभ्यता का विकास हुआ है। उसकी अंतरिक्ष सभ्यता अर्थात संस्कृति वैसे विकसित नहीं हुई है। वास्तव में विकास के स्थान पर आज संस्कृति का संकुचन ही हुआ है। विज्ञान ने ही कई पुराने आदर्शों और मूल्यों से लोगों का विनाश उठा दिया है किंतु वह नए मूल्यों की स्थापना नहीं कर पाया है। इन सब का समाधान संस्कृति के विकास से ही हो सकता है लेकिन इस बात में हमें विज्ञान से सहारा नहीं मिलता ।
उसके लिए हमें साहित्य, धर्मशास्त्र इत्यादि का सहारा लेना होगा ।