Hindi, asked by Abhi111u, 1 year ago

Vigyan ki Unnati hi Pradushan ka Karan Hai is Vishay par lagbhag 80 shabdo Mein Apne vichar bataiye Hindi mein bataiye

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Answered by antrajaan
59
संपूर्ण विश्व के देश आज प्रगति के पथ पर एक-दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं तथा सभी अपने को शक्ति-संपन्न देखना चाहते हैं । बारूद का आविष्कार इसी प्रतिस्पर्धा की देन है । नाना प्रकार के हथियार विकसित हो गए हैं ।

रॉकेट, मिसाइल, बम, युद्‌ध में प्रयोग होने वाले जहाज तथा अनेक प्रकार के रासायनिक उपकरण मानव के विनाश के लिए तैयार हैं । हइड्रोजेन तथा परमाणु बम तो पूरी की पूरी मानव-सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं । द्‌वितीय विश्व युद्‌ध में जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम इसका ज्वलंत उदाहरण हैं ।

विज्ञान के आविष्कारों से धार्मिक आस्था भी दिन पर दिन कमजोर पड़ती जा रही है। मनुष्य में असंतोष व स्वार्थ लोलुपता बढ़ती जा रही है जो किसी भी सभ्य मानव समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है । मनुष्य की सफलता ही आज उसे विनाश की ओर ले जा रही है ।

बढ़ते प्रदूषण के कारण दिन-प्रतिदिन प्रकृति का असंतुलन बढ़ता जा रहा है । हमारी पृथ्वी का रक्षा कवच ‘ओजोन परत’ निरंतर इससे प्रभावित हो रहा है जो पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन के लिए खतरा बन सकता है ।

विज्ञान ने यदि मनुष्य को चंद्रमा पर पहुँचाया है तो उसने उसे विनाश के गर्त पर भी ला खड़ा किया है । वास्तविक रूप में यदि इसका अवलोकन किया जाए तो हम देखते हैं कि इसकी शक्ति अपार है । यह मनुष्य के अपने विवेक पर है कि वह इसका प्रयोग किस प्रकार करता है ।

विज्ञान का समुचित दिशा में किया गया उपयोग उसके लिए वरदान सिद्‌ध हो सकता है वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग उसके लिए अभिशाप भी बन सकता है 

Answered by Shiksha11
20
hey friend may it will help you
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