Vigyan vad vivad pratiyogita easy
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बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के द्वारा द्विजदेनी स्मारक उच्च विद्यालय में स्कूली बच्चों के लिए विज्ञान अभिशाप या वरदान विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के पचास से अधिक बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
प्रतिभागी बच्चों में आर्यण, आदर्श, आयुष, सुरजीत, रचित्र, अनुभव, प्रखर, वत्सल, स्वरित, अभिषेक, कृष्णा, कोमल, आशुतोष, सपना, उत्कर्श, श्रष्टि, सत्यम, सुभाष, रितिका, अदिति, किरण, सौरभ, अमित, गौरव, कशीष आदि ने कहा कि विज्ञान एक शक्ति है, जो नित नए आविष्कार करती है। अगर हम उस शक्ति से मानव कल्याण का कार्य करें तो विज्ञान वरदान प्रतीत होता है और यदि उससे विनाश का काम करेंगे तो यह अभिशाप बन जाती है। विज्ञान के कारण यह युग बटन युग बन गया है। जिससे मनुष्य की भौतिकवादी सुविधाओं में बहुत वृद्धि हुई है। एक ओर मनुष्य ने विज्ञान से सुख के बहुत साधन जुटा लिए हैं तो दूसरी तरफ दु:ख के भी अंबार खड़ा कर लिए हैं। जैसे प्रदुषण की समस्या ने विकराल रूप धारण कर ली है।
इसके अलावा भी नित्य नए असाध्य रोग पैदा हो रहे हैं। जो वैज्ञानिक उपकरणों के अंधाधुंध प्रयोग करने का ही दुष्परिणाम है। हम कह सकते हैं कि विज्ञान अभिशाप होते हुए भी वरदान है अर्थात विज्ञान से लाभ हानि दोनों है। मौके पर निर्णायक मंडली के हेमंत शशि, राज नारायण प्रसाद, लक्ष्मीकांत आभाष एवं मंच संस्थापक विनोद कुमार तिवारी के द्वारा श्रेष्ठ बाल वक्ताओं को पुरस्कृत किया गया।