VII. दशवाक्ग्यैः मातृभाषया उत्तरत ।
कृपणस्य धनं कथं नष्टम् अभवत् ?
Answers
Answered by
1
वहाँ चन्द्र स्थान में जाकर जहाँ शुद्ध श्लेष्मा द्रवस्वरूप रहता है,उस रस पदार्थ को सोखकर उसे गर्म कर देती है, इस तरह वहाँ शीतलता नहीं रह जाती ॥
Similar questions