(vii) दतष्ठ्यि (निचल हाठ व ऊपरा
(कवर्ग)
वर्ल्सय
(स, ज,र,ल)
।
व, फ़
हवा मुख
(viii) स्वर यंत्र से
ह
श्वास (प्राण-वायु) की मात्रा के आधार पर वर्ण-भेद
(i) अल्पप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम होती है, वे अल्पप्राण कहलाते हैं।
क, ग, ङ, च, ज, ञ
ट, ड, ण, त, द,न, प
ब, म तथा ड़, य, र, ल, व
(ii) महाप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा अधिक होती है, वे महाप्राण कहलाते हैं।
ख, घ, छ, झ, ठ, ढ
थ, ध, फ, भ,ढ़
श, ष, स, ह
ताता
के
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sorry I cannot understand hindi
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(vii) दतष्ठ्यि (निचल हाठ व ऊपरा
(कवर्ग)
वर्ल्सय
(स, ज,र,ल)
।
व, फ़
हवा मुख
(viii) स्वर यंत्र से
ह
श्वास (प्राण-वायु) की मात्रा के आधार पर वर्ण-भेद
(i) अल्पप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम होती है, वे अल्पप्राण कहलाते हैं।
क, ग, ङ, च, ज, ञ
ट, ड, ण, त, द,न, प
ब, म तथा ड़, य, र, ल, व
(ii) महाप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा अधिक होती है, वे महाप्राण कहलाते हैं।
ख, घ, छ, झ, ठ, ढ
थ, ध, फ, भ,ढ़
श, ष, स, ह
ताता
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