Vikas kya hai ? please write answer Hindi and please write long answer
Answers
Helo mate here your ans
विकास का अर्थ एवं परिभाषा परिवर्तन प्रकृति का नियम है। परिवर्तन सकारात्मक व नकारात्मक दोनों ही हो सकते हैं। किसी भी समाज, देश, व विश्व में कोई भी सकारात्मक परिवर्तन जो प्रकृति और मानव दोनों को बेहतरी की ओर ले जाता है वही वास्तव में विकास है
Hope this ans help you plz mark me brainliest and follow me plz...
Explanation:
परिवर्तन प्रकृति का नियम है। परिवर्तन सकारात्मक व नकारात्मक दोनों ही हो सकते हैं। किसी भी समाज, देश, व विश्व में कोई भी सकारात्मक परिवर्तन जो प्रकृति और मानव दोनों को बेहतरी की ओर ले जाता है वही वास्तव में विकास है। अगर हम विश्व के इतिहास में नजर डालें तो पता चलता है कि विकास शब्द का बोलबाला विशेष रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सुनाई दिया जाने लगा। इसी समय से विकसित व विकासशील देशों के बीच के अन्तर भी उजागर हुए और शुरू हुई विकास की अन्धाधुन्ध दौड़। सामाजिक वैज्ञानिकों, अर्थशास्त्रियों, नीति नियोजकों द्वारा विकास शब्द का प्रयोग किया जाने लगा। मानव विकास, सतत् विकास, चिरन्तर विकास, सामुदायिक विकास, सामाजिक विकास, आर्थिक विकास, राजनैतिक विकास जैसे अलग-अलग शब्दों का प्रयोग कर विकास की विभिन्न परिभाषाएं दी गई। संयुक्त राष्ट्र संघ ने विकास की जो परिभाषा प्रस्तुत की है, उसके अनुसार “विकास का तात्पर्य है सामाजिक व्यवस्था, सामाजिक संरचना, संस्थाओं , सेवाओं की बढ़ती क्षमता जो संसाधनों का उपयोग इस प्रकार से कर सके ताकि जीवन स्तर में अनुकूल परिवर्तन आये”। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार विकास की प्रक्रिया जटिल होती है क्यों कि विकास आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक और प्रशासनिक तत्वों के समन्वय का परिणाम होता है।
आदिमानव युग से लेकर वर्तमान युग तक विकास की प्रक्रिया विभिन्न स्वरूपों में निरन्तर चली आ रही है। देश, काल, परिस्थिति व संसाधनों के अनुरूप इसके अलग-अलग आयाम हो सकते हैं। विकास के इस दौर में, पिछले कुछ दशकों से सामाजिक तथा आर्थिक विकास पर बल दिया जाने लगा है। विकास को लेकर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों द्वारा कई विकासीय योजनाओं व कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया गया। अैाज भी सरकार इस पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। यद्यपि आज विकास के नाम पर सतत् विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन विश्व स्तर पर अगर हम देखें तो विकास की वर्तमान दौड़ में आर्थिक विकास ही अपना वर्चस्व बनाये हुए है। विश्व स्तर पर तेजी से बदलते परिदृश्य व स्थानीय स्तर पर उसके पड़ने वाले प्रभाव को देख कर यह स्पष्ट हो गया है कि विकास आज एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रश्न बन गया है। वैश्वीकरण के इस युग में विकास की नई परिभाषाएं तय की जा रही है आज गरीब और गरीब व अमीर और अमीर बनता जा रहा है। विकास कुछ ही लोगों की जागीर बनता जा रहा है।
विकास का अर्थ
विकास शब्द की उत्पत्ति ही गरीब, उपेक्षित व पिछड़े सन्दर्भ में हुई। अत: विकास को इन्हीं की दृष्टि से देखना जरुरी है। विकास को साधारणतया ढाँचागत विकास को ही विकास के रूप में ही देखा जाता है, जबकि यह विकास का एक पहलू मात्र है। विकास को समग्रता में देखना जरूरी है, जिसमें मानव संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, सामाजिक, आर्थिक राजनैतिक, सांस्कृतिक, व नैतिक व ढाँचागत विकास शामिल हो। विकास के इन विभिन्न आयामों में गरीब, उपेक्षित व पिछडे वर्ग व संसाधन हीन की आवश्यकताओं एवं समस्याओं के समाधान प्रमुख रूप से परिलक्षित हों। वास्तव में विकास एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है जो सकारात्मक बदलाव की ओर इषारा करती है। एक ऐसा बदलाव जो मानव, समाज, देश व प्रकृति को बेहतरी की ओर ले जाता है। विभिन्न बुद्धिजीवियों द्वारा विकास को विभिन्न रूपों में परिभाषित किया है । क्लार्क जे0 के शब्दों में ‘‘विकास बदलाव की एक ऐसी प्रक्रिया है जो लोगों को इस योग्य बनाती है कि वे अपने भाग्य विधाता स्वयं बन सके तथा अपने अन्र्तनिहित समस्त सम्भावनाओं को पहचान सकें।’’ रॉय एंड राबिन्सन के अनुसार ‘‘किसी भी देश के लोगों के भौतिक, सामाजिक व राजनैतिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव ही विकास है।’’
hope it's help
mark as brainliest ❤️