Hindi, asked by hadron, 8 months ago

virah ka sarp viyogi ki kya dasha kar deta hain

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Answered by shailajavyas
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Answer:

                          कबीर कहते है कि राम वियोगी के तन अर्थात शरीर को ये विरह रुपी सर्प जब व्याप्त कर लेता है तो उस वियोगी की दशा मारक दशा बन जाती हैं क्योंकि इस विरह रुपी भुजंग को मारने के लिए कोई -भी मंत्र नहीं चलता हैं अर्थात इस विषधर पर कोई - भी झाड-फूंक (उपचार या इलाज ) असर नहीं करता जिसके कारण मनुष्य मृतप्राय: अवस्था में चला जाता है और यदि जीने की अवस्था में रहा तो बावला अर्थात पागल हो जाता है |

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