Hindi, asked by happy2314, 9 months ago

Visarg mein kab Parivartan nahin hota hai

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Answered by Anonymous
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Answer:

जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे:

विसर्ग संधि के उदाहरण :

अंतः + करण : अन्तकरण

अंतः + गत : अंतर्गत

अंतः + ध्यान : अंतर्ध्यान

अंतः + राष्ट्रीय : अंतर्राष्ट्रीय

विसर्ग संधि के नियम :

नियम 1:

अगर कभी शब्द में विसर्ग के बाद च या छ हो तो विसर्ग श हो जाता है। ट या ठ हो तो ष तथा त् या थ हो तो स् हो जाता है। जैसे:

उदाहरण:

नि: + चल : निश्चल

धनु: + टकार : धनुष्टकार

नि: + तार : निस्तार

नियम 2:

अगर कभी संधि के समय विसर्ग के बाद श, ष या स आये तो विसर्ग अपने मूल रूप में बना रहता है या उसके स्थान पर बाद का वर्ण हो जाता है।

उदाहरण :

नि: + संदेह : निस्संदेह

दू: + शासन : दुशासन

नियम 3:

अगर संधि के समय विसर्ग के बाद क, ख या प, फ हों तो विसर्ग में कोई विकार नहीं होता।

उदाहरण:

रज: + कण : रज:कण

पय: + पान : पय:पान

नियम 4:

अगर संधि के समय विसर्ग से पहले ‘अ’ हो और बाद में घोष व्यंजन या ह हो तो विसर्ग ओ में बदल जाता है।

उदाहरण :

मनः + भाव : मनोभाव

यशः + दा : यशोदा

नियम 5:

अगर संधि के समय विसर्ग से पहले अ या आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर हो तथा बाद में कोई घोष वर्ण हो तो विसर्ग के स्थान र आ जाता है। जैसे:

उदाहरण :

निः + गुण : निर्गुण

दु: + उपयोग : दुरूपयोग

नियम 6:

अगर संधि के समय विसर्ग के बाद त, श या स हो तो विसर्ग के बदले श या स् हो जाता है। जैसे:

उदाहरण :

निः + संतान : निस्संतान

निः + तेज़ : निस्तेज

दु: + शाशन : दुश्शाशन

नियम 7:

अगर संधि करते समय विसर्ग से पहले अ या आ हो तथा उसके बाद कोई विभिन्न स्वर हो, तो विसर्ग का लोप हो जाता है एवं पास-पास आये हुए स्वरों की संधि नहीं होती। जैसे:

उदाहरण:

अतः + एव : अतएव

नियम 8:

अंत्य के बदले भी विसर्ग होता है। यदि के आगे अघोष वर्ण आवे तो विसर्ग का कोई विकार नहीं होता और यदि उनके आगे घोष वर्ण आ जाता है तो र ज्यों का त्यों रहता है। जैसे:

उदाहरण:

पुनर् + उक्ति : पुनरुक्ति

अंतर् + करण : अंतःकरण

विसर्ग संधि से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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