Hindi, asked by Gnanasekar797, 26 days ago

Visharad
30 Aug

Mother lorque
2. मातृ-भाषा प्रेम
कवि परिचय :-
'मातृ-भाषा प्रेम' भारतेंदु हरिश्चन्द्र की कविता है।
काल के अग्रदूत थे। उनके कारण खड़ी बोली का विकास
साहित्य के किसी भी पहलू को अछूता नहीं छोड़ा है। आध
आरंभिक समय को 'भारतेन्दु युग' का नाम दिया गया है
कविता परिचय :-
Person
socio
मातृभाषा के विकास से ही व्यक्ति और समाज के
है। इसलिए भारतवासियों को अपनी भाषा को हीन नही​

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Answered by ROHANRS007
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Explanation:

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