visheshan ki paribhasha dete Hue Uske Charon bhedon Mein vistar se varnan Kijiye udaharan sahit
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Explanation:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता अर्थात उनके गुण, दोष, रूप, आकार, संख्या, आदि के बारे में बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं।
उदा. अकबर एक महान शासक थे।
विशेषण चार प्रकार के होते हैं:
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
गुणवाचक विशेषण: जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आदि का बोध कहते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदा. यह एक समृद्ध गाव था।
संख्यावाचक विशेषण: जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध करते हैं, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उदा. इस हवेली में पिछले १०-१५ साल से कोई नहीं रहता।
परिमाणवाचक विशेषण: जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा (नाप-तोल) का बोध करते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदा. भोजन में थोड़ा नमक आवश्यक है।
सार्वनामिक विशेषण:जो विशेषण शब्द सर्वनाम शब्दों से बनाए जाते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। उदा. चित्रकार ने अपनी पुत्री को सारी बातें बताई।
Answer:
अतः व्याकरण में विशेषण की सर्व मान्य परिभाषा है– “जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट हो उसे विशेषण कहते हैं“। उदाहरण स्वरुप- सीता सुंदर है। राम काला है। यहां सुंदर और काला शब्द विशेषण है क्योंकि इससे सीता और राम के विशेष गुणों क्रमशः सुंदरता और कालेपन का बोध होता है।
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