Hindi, asked by faizatg9046, 9 months ago

vishesta of the poem himalaya aur hum by gopal singh nepali

Answers

Answered by neelamchoudhary920
0

Answer:

Explanation:हिमालय और हम : गोपाल सिंह नेपाली  

नेपाली जी हिमालय के प्रति पुरे देश वासियों की भक्ति का इस कविता में उल्लेख करते हैं I हिमालय भारत का  प्रहरी  है  Iहमसे इसका कितना नाता है ये नहीं पता लेकिन हमारा हिमालाय  से गहरा नाता है गंगा इनके चरणों को पखारती है सबसे पहले सूरज की किरणें हिमालय की चोटी पर आती है I

उस समय ऐसा लगता है जैसे हिमालय ने सोने का  मुकुट पहन लिया हो I गंगा के पावन गीत धरती की हरी चादर की तरह बिछेे से जान पड़ते हैं I खग- मृग सब उल्लास भरे दीखते हैं  Iपावन गंगा के जल को जो पी ले उसी में अमरता आ जाती है इस तरह गंगा का जल हमें अमर बनाता हैI यहाँ की मिटटी से खुशबू कैसे नहीं आएगी Iयहाँ के वीर ख़ुशी ख़ुशी बलिबेदी पर क्यूँ  नहीं चढ़ेंगे I सुबह की लाली से लेकर सूर्यास्त तक हिमालय और  गंगा का मनोहारी चित्रण है  Iशाम में जब सूर्य अस्ताचल की ओर जाते हैं I तब हिमालय की चरणों की ओर झुकते चले जाते हैं I

और सुबह यहाँ से वहां तक गंगा सुनहली चादर फैला देती है Iजबतक हिमालय है और गंगा है, हमे क्या चिंता है क्यूंकि सबसे बड़ा रक्षक जो सारी  बाधाएं अपने पर ले लेता है वो हमारा हिमालय है I

Similar questions