Science, asked by nagender18110149, 8 months ago

vishran Kise Kahate Hain udaharan sahit samjhaie​

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Answered by sharmapushkar800
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सभी वस्तुएँ, ठोस, द्रव और गैसें, बड़े सूक्ष्म कणों से बनी हुई हैं। सबसे छोटे कणों को अणु (molecules) कहते हैं। अणु पदार्थों में सतत गतिशील रहते हैं। इनकी गतियाँ बहुत कुछ ताप पर भी निर्भर करती हैं। भिन्न भिन्न वस्तुओं को यदि एक साथ रखा जाए, तो इन गतियों के कारण वे परस्पर मिल जाती हैं। ठोसों के अणु एक दूसरे से बहुत निकटता से सटे हुए रहते हैं। द्रवों के अणु ठोसों के अणुओं की अपेक्षा कम सटे हुए रहते हैं। गैसों के अणु तो एक दूसरे से पर्याप्त दूरी पर रहते हैं, यही कारण है कि गैसें बड़ी शीघ्रता से एक दूसरे में मिल जाती हैं। द्रवों के अणु उतनी शीघ्रता से नहीं मिलते और ठोसों के अणु तो और देर से परस्पर मिलते हैं। इस प्रकार पदार्थों के अणुओं के परस्पर मिल जाने को विसरण (Diffusion) कहते हैं।

विसरण एक अपरिवर्तनीय क्रिया है, जिसमें पदार्थों के स्वाभाविक बहाव से सांद्रण का अंतर कम होता रहता है। यह क्रिया सभी पदार्थों में होती है। क्लोरीन गैस के जार पर यदि एक हवा भरा जार रख दिया जाए, तो क्लोरीन गैस के भारी होने पर भी उसके अणु विसरण द्वारा ऊपर उठकर दोनों जारों में मिल जाते हैं और कुछ समय में वे एक से संगठन के हो जाते हैं। यदि किसी जल के पात्र में तूतिया का एक क्रिस्टल रख दिया जाए, तो पहले क्रिस्टल के निकट का जल तूतिए के विलयन सा हो जाएगा और कुछ समय के बाद सारा जल तूतिए के रंग का हो जाएगा और कुछ समय के बाद सारा जल तूतिए के रंग का हो जाएगा। ऐसा विसरण के कारण होता है। यदि सोने के एक टुकड़े को सीस के टुकड़े के संपर्क में रखा जाए, तो कुछ दिनों के बाद सीस में सोना और सोने में सीस की उपस्थिति मालूम की जा सकती है। गुरुत्वाकर्षण से विसरण में कोई रुकावट नहीं पड़ती और न उत्प्लवकता का ही उसपर कोई प्रभाव पड़ता है।

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