Hindi, asked by pratham2893, 1 year ago

vishva shanti main bharat ka yogdan nibandh in hindi​

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Answered by shishir303
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                                          (निबंध)

                         विश्वशांति में भारत का योगदान

विश्व शांति में भारत एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। भारत की छवि सर हमेशा शांति प्रिय देश के रूप में रही है। भारत का इतिहास रहा है कि उसने कभी भी किसी भी देश या सभ्यता पर आक्रमण नहीं किया, जबकि अन्य देशों और प्रजातियों ने भारत पर आक्रमण किया। भारत की विशाल आबादी और उसका स्थिर लोकतंत्र विश्व में भारत को एक मजबूत देश बनाता है और एक मजबूत देश ही विश्व शांति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

भारत अपने पड़ोसी देशों से भी अच्छे संबंध बनाना चाहता है और उसके अपने पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध है भी परन्तु  कुछेक देश ऐसे हैं जो आतंकवाद को बढ़ावा देकर अशांति के मार्ग पर चलते हैं और उनके खुद के देश में तो अशांति है ही वो भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करते रहते हैं।

भारत के प्रयासों अनेक बार तीसरा विश्व युद्ध होने से बच गया। भारत ने ऐसे कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जो विश्व शांति की दिशा में किए गए प्रयास है। भारत का पाकिस्तान के साथ 4 बार युद्ध हुआ और हर बार भारत ने शांति की दिशा में ही कदम बढ़ाया। आज भी पाकिस्तान द्वारा भारत में अशांति फैलाने की कई कोशिशें होती रहती है लेकिन भारत शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहता है इसलिये संयम से काम लेता है, यदि वे चाहें तो इस क्षेत्र में अशांति फैल जाये परन्तु भारत का ये स्वभाव नही रहा है। भारत ने श्रीलंका में भी अपनी सेना भेजकर लिट्टे द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद को समाप्त करने में श्रीलंका सरकार का सहयोग किया, जोकि शांति के लिए ही था।

भारत विश्व शांति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है क्योंकि भारत का सुनहरा इतिहास है। उसकी विशाल आबादी और संस्कृति अत्यंत सुदृढ़ एवं मजबूत है। भारत की छवि भी विश्व में एक मजबूत और अच्छे शांतिप्रिय देश के रूप में है। विश्व के अनेक देश भारत की ओर आशा भरी नजरों से देखते हैं। भारत विकासशील देशों का अगुआ है जो कि विकास के पथ पर चलकर विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने के लिए तैयार है। भारत विश्व का अत्यन्त महत्वपूर्ण और अच्छी छवि वाला देश है, जिसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत अहिंसा का पुजारी देश रहा है जो गौतम बुद्ध, महावीर जैन, महात्मा गांधी जैसे अहिंसा पुजारियों की जननी है। भारत के कण-कण में अहिंसा है, शांति है, और ये ही हमारा मूल-मंत्र है, इसके लिए भारत विश्व की शांति में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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