visthapan ki samasya Par Ek anuched likhiye in Hindi 300 words
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भारत में, 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में आंतरिक विस्थापितों की संख्या 30.9 करोड़ से ज्यादा थी. 2007-008 के एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, कुल आबादी का तकरीबन 30 फीसदी यानी 32.6 करोड़ लोग आंतरिक प्रवासी थे. इसमें सबसे ज्यादा संख्या (70 फीसदी से अधिक) महिलाओं की है. माना जाता है कि यह वर्ग समाज के आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन से अक्सर वंचित रहा है और इनके साथ द्वितीय-श्रेणी के नागरिक के तौर पर व्यवहार किया जाता है.
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक आंतरिक विस्थापितों की संख्या 40 करोड़ तक पहुंच चुकी थी. हालांकि, इसे मापने की सैद्धांतिक कठिनाइयों के चलते आंतरिक विस्थापन के आकलन में विभिन्नता पायी गयी है. इसके बावजूद सच्चई यही है कि दस में प्रत्येक तीसरा भारतीय आंतरिक विस्थापन के दौर से गुजर रहा है. भारत में मुख्य रूप से दो प्रकार का विस्थापन देखा गया है. दीर्घकालीन विस्थापन और अल्पकालीन या मौसमी/ चक्रीय विस्थापन.
पलायन की दिशा
वर्ग, लिंग, जाति, भाषा और धर्म के अनुसार आंतरिक विस्थापन की दर में फर्क देखा गया है. महिलाओं में विस्थापन की दर सबसे ज्यादा है. एनएसएसओ (2007-08) के आंकड़ों में बताया गया है कि आंतरिक विस्थापितों में 80 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. इसकी बड़ी वजह विवाह के बाद महिलाओं का अन्यत्र निवास करना भी माना गया है. इसी आंकड़े के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में 91.3 फीसदी महिलाएं और शहरी क्षेत्रों में तकरीबन 60.8 फीसदी महिलाएं शादी के बाद दूसरे जगह रहने के लिए चली जाती हैं. देश में सर्वाधिक आंतरिक विस्थापन उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, उत्तराखंड और तमिलनाडु से हुआ है. इनकी ज्यादातर आबादी देश की राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक की ओर पलायन कर चुकी है. देश में पलायन के कुछ चिह्न्ति गलियारे हैं, जैसे- बिहार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा और पंजाब, उत्तर प्रदेश से महाराष्ट्र, ओड़िशा से गुजरात, ओड़िशा से आंध्र प्रदेश और राजस्थान से गुजरात.
विस्थापन की समस्या
हमारे देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां विस्थापन अथवा पलायन की बहुत बड़ी समस्या है। विस्थापन का कारण अलग अलग हैं जैसे रोजगार कि वजह से लोग पलायन करते हैं या धार्मिक उन्माद और अपराधों कि वजह से भी यह पलायन होता है।
गरीब राज्यों में पलायन मुख्य रूप से रोजगार के कारण होता है। ऐसे राज्य जहां कारखाने नहीं है, इसका उदाहरण बिहार है, जहां रोजगार के अवसर कम हैं वहां के लोग रोजगार हेतु दूसरे बड़े प्रदेशों में जाते हैं।
कश्मीर में धार्मिक कारणों की वजह से भी कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया। कई ऐसे भी जगह हैं जहां बढ़ते अपराध की वजह से लोग पलायन कर गए।
विस्थापन अलग अलग कारणों से होते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण रोजगार ही है।