Hindi, asked by udhayalex, 2 months ago

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a) अरव का ज्यादातर हिस्सा और खासकर वीच का वह हिस्सा, जिसे 'हेजाज' कहते हैं, जिसमें मक्का
और मदीना के मशहूर शहर बसें है, छठवीं सदी ईस्वी तक किसी एक राजा या शासक के अधीन न
था। सारा देश सैकड़ों कबीलों में बंटा हुआ था, जिसमें से एक-एक कवीले की अनेक शाखाएँ और
उपशाखाएँ होती थी। हर कवीले के कई हजार स्त्री, और पुरुष और बालक मिलकर एक विशाल कुल
की तरह रहते थे। परस्पर प्रेम और बंधुत्व के सूत्र में बधे रहते थे। एक दूसरे की रक्षा करना अपना
कर्तव्य समझते थे। एक का अपमान समस्त कबीले का अपमान माना जाता था। हर कबीले का एक
सरदार होता था, जिसे 'शेख' कहते थे। शेख ही अपने कबीले का शासक, सेनापति और धार्मिक
मामलों में समस्त कुल का पथ-प्रदर्शक माना जाता था। किंतु कोई एक ताकत इन तमाम कवीलों को
एक सूत्र में बाधनेवाली नहीं थी। translate in English​

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Answered by araj3024
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Answer:

ज्यादातर हिस्सा और खासकर वीच का वह हिस्सा, जिसे 'हेजाज' कहते हैं, जिसमें मक्का

और मदीना के मशहूर शहर बसें है, छठवीं सदी ईस्वी तक किसी एक राजा या शासक के अधीन न

था। सारा देश सैकड़ों कबीलों में बंटा हुआ था, जिसमें से एक-एक कवीले की अनेक शाखाएँ और

उपशाखाएँ होती थी। हर कवीले के कई हजार स्त्री, और पुरुष और बालक मिलकर एक विशाल कुल

की तरह रहते थे। परस्पर प्रेम और बंधुत्व के सूत्र में बधे रहते थे। एक दूसरे की रक्षा करना अपना

कर्तव्य समझते थे। एक का अपमान समस्त कबीले का अपमान माना जाता था। हर कबीले का एक

सरदार होता था, जिसे 'शेख' कहते थे। शेख ही अपने कबीले का शासक, सेनापति और धार्मिक

मामलों में समस्त कुल का पथ-प्रदर्शक माना जाता था। किंतु कोई एक ताकत इन तमाम कवीलों को

एक सूत्र में बाधनेवाली

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