Hindi, asked by ayeshak282007, 3 months ago

Vrdudh ka tadbhav rup likhiye

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Answered by vidhirajendrapatil
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Hindi Grammar

Tatsam-Tadbhav ( तत्सम-तद्भव ) शब्द, परिभाषा, पहचानने के नियम और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण

January 6, 2020 by Raju

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Tatsam-Tadbhav ( तत्सम-तद्भव )

Tatsam-Tadbhav ( तत्सम-तद्भव )

तत्सम शब्द

तत्सम शब्द : वैसे शब्द, जो संस्कृत और हिन्दी दोनों भाषाओं में समान रूप से प्रचलित हैं। अंतर केवल इतना है कि संस्कृत भाषा में वे अपने विभक्ति–चिह्नों या प्रत्ययों से युक्त होते हैं और हिन्दी में वे उनसे रहित।

जैसे—

संस्कृत में, कर्पूरः, पर्यङ्कः, फलम्, ज्येष्ठः, हिन्दी में, कर्पूर, पर्यंक, फल, ज्येष्ठ

तद्भव शब्द

तद्भव शब्द : (उससे भव या उत्पन्न) वैसे शब्द, जो तत्सम से विकास करके बने हैं और कई रूपों में वे उनके (तत्सम के) समान नजर आते हैं।

जैसे–

कर्पूर > कपूर

पर्यङ्क > पलंग

अग्नि > आग आदि।

नोट : नीचे तत्सम तद्भव शब्दों की सूची दी जा रही है। इन्हें देखें और समझने की कोशिश करें कि इनमें समानता–असमानता क्या है?

तत्सम – तद्भव

आँसू – अश्रु

इक्षु – ईख

कपूर – कर्पूर

गोधूम – गेहूँ

घोटक – घोड़ा

आम्र – आम

उलूक – उल्लू

काष्ठ – काठ

ग्राम – गाँव

घृणा – घिन

अग्नि – आग

उष्ट्र – ऊँट

कोकिल – कोयल

गर्दभ – गदहा

चर्मकार – चमार

अंध – अंधा

कर्ण – कान

क्षेत्र – खेत

गंभीर – गहरा

चन्द्र – चाँद

ज्येष्ठ – जेठ

धान्य – धान

पत्र – पत्ता

पौष – पूस

भल्लूक – भालू

बट – बड़

श्वशुर – ससुर

श्रेष्ठी – सेठ

सुभाग – सुहाग

सूई – सूची

हास्य – हँसी

कर्म – काम

कूप – कुआँ

स्नेह – नेह

कातर – कायर

लोक – लोग

शिक्षा – सीख

कुठार – कुल्हाड़ा

पक्व – पक्का

शाक – साग

इष्टिका – इट

गणना – गिनती

काक – काग

स्वश्रू – सास

भित्ति – भीत

विष्ठा – बीठ

शर्करा – शक्कर

कज्जल – काजल

अध – आज

दुर्बल – दुबला

उन्मना – अनमना

चित्रक – चीता

कुंभकार – कुम्हार

भीख – भिक्षा

कोटि – करोड़

गात्र – गात

ओष्ठ – होठ

अगम्य – अगम

मालिनी – मालिन

तत्सम – तद्भव

ताम्र – ताँबा

नव्य – नया

प्रस्तर – पत्थर

पौत्र – पोता

मृत्यु – मौत

शय्या – सेज

शृंगाल – सियार

स्तन – थन

स्वामी – साईं

मस्तक – माथा

चंचु – चोंच

हरिद्रा – हल्दी

प्रिय – पिया

अपूप – पूआ

कारवेल – करेला

श्रृंखला – साँकल

मृत्तिका – मिट्टी

चतुष्पादिका – चौकी

पर्यंक – पलंग

अर्द्धतृतीय – ढाई

कूट – कूड़ा

शुष्क – सूखा

खर्पर – खपरा

क्षीर – खीर

चणक – चना

घट – घड़ा

पक्ष – पख/पंख

काया – काय

अंगुष्ट – अँगूठा

सप्त – सात

अक्षत – अच्छत

भाग्नेय – भांजा

भ्रातृ – भाई

यजमान – जजमान

कुष्ठ – कोढ़

धैर्य – धीरज

धूम्र – धुआँ

प्रतिच्छाया

श्रावण – सावन

तैल – तेल

निद्रा – नींद

पीत – पीला

बधिर – बहरा

मित्र – मीत

शत – सौ

शिर – सिर

स्वर्णकार – सुनार

सूर्य – सूरज

हस्त – हाथ

अम्बा – अम्मा

कार्य – काज

जिह्वा – जीभ

आश्रय – आसरा

चूर्ण – चूना

सायम् – साँझ

त्वरित – तुरंत

चटका – चिड़िया

सत्य – सच

सपली – सौत

कपाट – किवाड़

अष्ट – आठ

लक्ष – लाख

श्यामल – साँवला

लाक्षा – लाख

धरती – धरित्री

अक्षर – आखर

वायु – बयार

उच्च – ऊँचा

अवतार – औतार

कुक्कुर – कुकुर

याचक – जाचक

दधि – दही

उपवास – उपास

ग्राहक – गाहक

निर्वाह – निवाह

अट्टालिका – अटारी

आदित्यवार – एतवार

कुक्षि – कोख

दात – दाँत

पद – पैर

पृष्ठ – पीठ

वानर – बन्दर

मुख – मुँह

श्वास – साँस

दश – दस

स्वर्ण – सोना

गौरी – गोरी

हस्ती – हाथी

तिक्त – तीता

चतुर्दश – चौदह

मयूर – मोर

केतक – केवड़ा

सर्षप – सरसों

स्वप्न – सपना

हास – हँसी

उद्वर्तन – उबटन

वचन – बैन

परशु – फरसा

सर्प – साँप

शलाका – सलाई

रात्रि – रात

वत्स – बच्चा

क्षुर – छुरा

दुग्ध – दूध

पूर्णिमा – पूनम

सर्व – सब

मौक्तिक – मोती

आशिष – असीस

चक्रवाक – चकवा

श्वसुराल्य – ससुराल

घृत – घी

कंकण – कंगन

गिद्रध – गिद्ध

भक्त – भगत

कांचन – कंचन

गर्भिणी – गाभिन

यशोदा – जसोदा

चरित्र – चरित

अभीर – अहीर

फाल्गुन – फागुन

श्याली – साली

योद्धा – जोधा

पक्षी – पंछी

अंजलि – अँजुरी

दंतधावन – दातौन

जव – जौ

छिद्र – छेद

शृंगार – सिंगार

यश – जस

जमाता – जमाई

रात्रि – रात

Explanation:

तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं उन्हें तद्भव कहते हैं। तद्भव का शाब्दिक अर्थ है – उससे बने (तत् + भव = उससे उत्पन्न), अर्थात जो उससे (संस्कृत से) उत्पन्न हुए हैं। यहाँ पर तत् शब्द भी संस्कृत भाषा की ओर इंगित करता है।

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