Hindi, asked by rijulrasawat923, 10 months ago

Vriksh ki aatmakatha

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Answered by TR0YE
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⛦Hҽɾҽ ɿʂ ү๏υɾ Aɳʂฬҽɾ⚑
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मैं एक वृक्ष  हु।  आज के करीब २० वर्ष पहले , ठीक इसी जगह पर ही मेरा जन्म हुआ था | राहुल के मुह से गिरे हुए एक दाने से मेरे जीवन का शुरुवात हो गयी थी।

मुझे आज भी वो पल याद है, जब मैंने सबसे पहली बार सूरज की रौशनी को मेह्स्सोस किआ था।  बचपन में तो मैं बहुत ही छोटा हुआ करता था, यही कोई एक – दो फूट का रहा होऊंगा मैं।


उस वक्त तो मुझे कई परेशानिओं का सामना भी करना पड़ता था, एक बार तो मेरी जान जातेजाते बची थी जब एक गाय ऐसे ही मेरे पास तक आ गयी थी और मेरे दोस्तों को खा चुकी थी पर फिर न जाने kaise में बाख गया । खैर, अब उन दिनों की बात छोड़ो , धीरे धीरे एक दो साल के भीतर ही मैं बड़ा हो गया । जब मेरा कद थोडा लम्बा हुआ तप मेरी एक समस्या से छुटकारा मिला जो था के, मुझे अब जानवरों का खतरा नही रहता था ।\अभी तो मेरे लिए ये दुनिया नयी सी थी, सब कुछ न्य न्य सा लग रहा था| 

ऐसे ही कुछ साल और बीते और मैं एक ऐसा पेड़ बन गया जो एके अब खुद ही फल बना सकता था। तो अब मैंने लोगो को अपनी सेवा देनी शुरू कर दी थी।  उन्हें अपनी शीतल छाया देता हु, उन्हें फल – फूल देता हु , लकड़ी , कागज़ , बादाम , और सबसे अमूल्य – ओषजन ( ऑक्सीजन ) मानव जाती मुझसे ही प्राप्त करती है।

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धन्यवाद...✊
Answered by Anonymous
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ĀNSWĒR ⏬⏬


मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत में घटित होने वाली समस्त प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ। इस संसार के सभी जीव जंतुओं के जीवन का आधार मैं ही हूं। इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था। अपने जन्म से पहले जब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रूप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, तब मैंने पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके स्वयं का विकास किया और इस धरती के भूगर्भ से बाहर एक तने के रूप में आ गया।



मेरी शाखाएं कमजोर हो गई हैं परंतु मेरी जड़े आज भी उतनी ही मजबूत हैं जितनी की युवावस्था में थी। मेरी शाखाओ से अब पत्तियां झड़ गयी है इसलिए मैं फल भले ही नहीं दे सकता हूँ परंतु मनुष्य को छाया तथा पक्षियों को आश्रय अवश्य दे सकता हूँ।


THANKS ❤:)

#Nishu HarYanvi ♥

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