Vrutant lekhan on balika divas in Hindi
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हमने जीवन में कई लडकियां देखि ,लड़के भी देखे लेकिन आज से मात्र २५ वर्ष पहले कि ही बात लीजिये बड़ा अच्छा स्वस्थ समाज था Iकोई 18 वर्ष की लड़की हो या कोई 5 वर्ष की कोई 70 वर्ष की I बसों और ट्रेनों में, पुरुष वर्ग उन्हें बेटी बच्ची या माताजी कहकर बुलाते थे और यहाँ तक कि उन्हें सीट नही मिलती हो तो खुद खड़े होकर उनके बैठने का प्रबंध करते थे Iये लोग भी उनसे उपकृत होती थी I और रास्ते भर उनका ख्याल रखते जाती थी तो क्या कहेंगे ?हर स्थान पर माता बहन या बेटियों का घर ही नज़र आता था और हाय !समय इतना बदल गया है कि किसी भी बच्ची लड़की ,या माता को कोई भी सम्बन्ध से नवाज़ा नहीं जाता I पुरुषों की आँखें एक लड़की की ओर घूरती है चाहे वो किसी भी उम्र की हो I कई बार तो हमने यहाँ तक पढ़ा है कि दो महीने की बच्ची को जो माता पिता के पास सोयी थी उसका अपना चाचा ही बीच से उठा कर ले गया और लगभग १०० मीटर की दूरी पर जाकर उस मासूम को बर्बाद कर दिया I बगल में देखा मेरा बच्चा नहीं है I जब दौड़कर गयी तबतक बच्ची की रोने की आवाज शांत हो चुकी थी Iसारे गाँव के लोग दौड़ पड़े देखा कि बच्ची बिना दुनिया देखे ही चल बसी I
अब बताएं कि आज भी वही समय है I जब कोई खास जाति बच्ची को जन्म लेते ही नमक चटा कर मार दी जाती थी I आज लड़कियों की संख्या बहुत कम हो गयी है I तब भी उसके प्रति हैवानियत नहीं घटी है कहीं से लड़की उठा ली जाती है और गंग रेप का शिकार हो रही है I उस एक क्षण के लिए माता पिता की आँखों की रोशनी छीन ली जाती है I
जहाँ बेटी नहीं उसे घर कहते हैं I बेटी घर की शोभा है ,बेटी घर का आँगन है और चाँदनी भी है I अगर उसके पिता और भाई दौड़ कर बच जाते हैं तो उनका भी क़त्ल कर दिया जाता है पूरा घर तबाह हो जाता है I
एक तरफ लड़कियां हवाई जहाज चला रही हैं, अंतरिक्ष में जा रही हैं I झाँसी की रानी के समय से आज तक हँसते हँसते शहीद भी हो जाती हैं I अभी हाल ही में नेवी में गयी हुई 8 लड़कियां अद्भुत चमत्कार करके वापस लौटी हैं I 22 हज़ार माईल एक जहाज पर स्टेरिंग पकडे तेजी से समंदर पार कर रही थी और तूफ़ान भी आया हुआ था -5 पे डिग्री थी I सभी की उम्र 25 के लगभग की थी I इनके पास कौन दरिंदा फटकने की कोशिश करेगा I आज फिल्मी लाइन में में मी टू जबरदस्त तूल पकडे हुए हैं Iयही पुरुष किसी के भाई पिता पति होते हैं तो औरों की बहु बेटियों को क्यूँ नहीं समझते हैं I
3 जनवरी बालिका दिवस ( डॉटर डे ) चल पड़ा है I यह नारी सम्मान और रक्षा के लिए है Iजो उन्हें आगे बढ़ने और अपने आप को स्वालंबी बनाने के लिए हैं Iक्यूँ न इस दिन को हम एक दिन नहीं हर दिन मनाएं I चलो मेरे देश की बेटियां और करो सुरक्षा अपनी I
माता और पिता की इच्छाओं की मूर्ति बनूँ मैं
प्रभु शक्ति दो ,हर मानव की पूर्ती बनूँ मैं
हे भारत ! तुम्ही अपनी बेटियों को बचाओ यही गंगा है I गंगा नहीं तो भारत नहीं ............
Answer:
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