Hindi, asked by prathamchougule6548, 1 year ago

Vyakaran ka bhasha se kya sambandh h

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कोई भी मनुष्य शुद्ध भाषा का पूर्ण ज्ञान व्याकरण के बिना प्राप्त नहीं कर सकता। अतः भाषा और व्याकरण का घनिष्ठ संबंध हैं वह भाषा में उच्चारण, शब्द-प्रयोग, वाक्य-गठन तथा अर्थों के प्रयोग के रूप को निश्चित करता है। व्याकरण के विभाग- व्याकरण के तीन अंग निर्धारित किये गये हैं-
वर्ण विचार- इसमे वर्णों के उच्चारण, रूप, आकार, भेद आदि के सम्बन्ध में अध्ययन होता है।
शब्द विचार- इसमें शब्दों के भेद, रूप, प्रयोगों तथा उत्पत्ति का अध्ययन किया जाता है।
वाक्य विचार- इसमे वाक्य निर्माण, उनके प्रकार, उनके भेद, गठन, प्रयोग, विग्रह आदि पर विचार किया जाता है।

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व्याकरण और भाषा :-

◾ व्याकरण और भाषा ( परिचय )

• व्याकरण भाषा का ' विश्लेषण ' करता है ।

सरल शब्दों में कहें तो व्याकरण वह शास्त्र है

जहां भाषा को शुद्धता रूप दिया जाता है ।

• भाषा हमारे विचारों , बातों की अभिव्यक्ति

है,जिसको हम लिखकर, बोलकर या तो संकेत

द्वारा सामने वाले व्यक्ति को अभिव्यक्त कर

सकते है ।

◾ व्याकरण : शुद्ध भाषा के लिए जरूरी

तत्व

भाषा को शुद्ध करने के लिए अर्थात भाषा को

शुद्धता प्रदान करने के लिए ' व्याकरण ' अति

आवश्यक होता है । व्याकरण के बिना , हम

भाषा को शुद्धता प्रदान नहीं कर सकते ।

◾ व्याकरण और शुद्ध भाषा का सहसंबद्धता

( correlated )

अतः व्याकरण और शुद्ध भाषा आपस में ही

सहसंबद्ध है । शुद्ध भाषा हेतु व्याकरण का

ज्ञान होना अनिवार्य है वहीं दूसरी ओर

व्याकरण के बिना ' भाषा को शुद्ध ' नहीं कर

सकते । केवल भाषा की बात करें तो , भाषा

के लिए व्याकरण का ज्ञान होना जरूरी नहीं

है। भाषा को हम बिना व्याकरण के मदद से

ही सीख सकते है , परन्तु वहीं भाषा को शुद्ध

बनाने हेतु व्याकरण जरूरी है । वहीं दूसरी

ओर शुद्ध भाषा सीखने , पढ़ने , पढ़ाने ,

लिखने हेतु व्याकरण की बेहद आवश्यकता

होती है ।

◾ निष्कर्ष ( संक्षिप्त )

• शुद्ध भाषा के लिए व्याकरण जरूरी है

• केवल ' भाषा ' के लिए व्याकरण जरूरी

नहीं।

• शुद्ध भाषा और व्याकरण दोनों एक दूसरे के

पूरक है ।

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